छत्तीसगढ़

थाना प्रभारी ने बूढ़ी मां का किया सम्मान , रो पड़ी बूढ़ी माँ ,दीये साल व श्री फल, जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू .

फिंगेश्वर | बूढ़ी माता को तितर बितर देख फिंगेश्वर थाना प्रभारी वेदमती दरियो भाउक हो गया । और उसके पास...

ग्राम फुलझर में किया गया वृक्षरोपण पहुंचे जनपद उपाध्यक्ष, व थाना प्रभारी जिला संवाददाता उरेन्द्र कुमार साहू

पांडुका | ग्राम फुलझर में शासकीय स्कूल के चारों तरफ किनरे मे पौधारोपण किया गया । जिसमे जनपद पंचायत छुरा...

युवा कांग्रेस केंद्र से युवाओं के लिए मांगेगी रोजगार संगठन की मजबूती देखने पहुंची राष्ट्रीय सचिव एकता ठाकुर- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद । युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव सुश्री एकता ठाकुर तथा प्रदेश अध्यक्ष पूर्णचंद्र कोको पाढ़ी शुक्रवार दोपहर...

मैनपुर टीचर्स संघ द्वारा क्रर्मोन्नति, पुरानी पेंशन बहाली, वेतन विसंगति सहित एलबी शिक्षक संवर्ग के मांगो को लेकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार मैनपुर को सौंपा ज्ञापन: मैनपुर – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी मैनपुर गरियाबंद:- छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन मैनपुर के शिक्षको ने क्रर्मोन्नति सहित एल बी शिक्षक संवर्ग के मांगों को...

कांग्रेसी कार्यकर्ताओ ने नीट और जेईई की मेन परीक्षा स्थगित करने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन, राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन: मैनपुर – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद:- नीट और जेईई की मेन परीक्षा स्थगित करने की माँग को लेकर शुक्रवार को ब्लॉक कांग्रेस कमेटी...

थाना प्रभारी ने बूढ़ी मां का किया सम्मान , रो पड़ी बूढ़ी माँ ,दीये साल व श्री फल, जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू .

फिंगेश्वर | बूढ़ी माता को तितर बितर देख फिंगेश्वर थाना प्रभारी वेदमती दरियो भाउक हो गया । और उसके पास...

21 हाथियों का दल फिर वापिस पहुचा गरियाबंद के जंगलों में- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद - गरियाबंद के जंगलों में फिर पहुचा हाथियों का दल लगभग एक सप्ताह महासमुंद में उत्पात मचाने...

ग्राम फुलझर में किया गया वृक्षरोपण पहुंचे जनपद उपाध्यक्ष, व थाना प्रभारी जिला संवाददाता उरेन्द्र कुमार साहू

पांडुका | ग्राम फुलझर में शासकीय स्कूल के चारों तरफ किनरे मे पौधारोपण किया गया । जिसमे जनपद पंचायत छुरा...

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पांडुका | ग्राम फुलझर में शासकीय स्कूल के चारों तरफ किनरे मे पौधारोपण किया गया । जिसमे जनपद पंचायत छुरा...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।