छत्तीसगढ़

R.E.S. विभाग गरियाबंद के खिलाफ धरना का दूसरा दिन , R.E.S. विभाग गरियाबंद के अधिकारी मांग रहे है पैसा, दो साल से लटका के रखे है भवन निर्माण कार्य का भुगतान |

R.E.S. विभाग गरियाबंद के खिलाफ आज से अनिश्चितकालीन धरना का दूसरा दिन  , R.E.S. विभाग गरियाबंद के अधिकारी मांग रहे है पैसा,...

जिला शिक्षा अधिकारी पहुंची ब्लॉक ऑफिस निरीक्षण के लिए जहां पर अधिकारी से कर्मचारी ने की बदतमीजी ए बी ओ द्वारा की गई बदतमीजी…

जिला शिक्षा जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आकस्मिक निरीक्षण के लिए डीईओ कार्यालय धमतरी पहुंची जहां पर निरीक्षण के दौरान मैडम...

निरंतर आयोजनों से खेल के प्रति लोगों में जागृति आई : संजय नेताम

ग्रामवासियों ने की खेल मैदान की माँग इतेश सोनी गरियाबंद मैनपुर :- विकासखंड मैनपुर के ओड़िशा सीमा क्षेत्र के ग्राम...

पोलियों मुक्त हो भारत पोलियो अभियान की सफलता में हम सबकी जिम्मेदारी

बालोद–विकास खंड गुरूर में खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ जी आर रावटे के निर्देशन व मार्ग दर्शन में प्रतिवर्ष की भांति...

नगर पंचायत गुरूर मे राष्टपिता महात्मा गांधी जी के पुण्यतिथि पर किया उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित..

बालोद. गुरूर .आज राष्ट्रपिता महात्मागांधी जी के 73वीं पुण्यतिथि गुरूर नगर पंचायत मे मनाया गया सुबह 11 बजे गांधी जी...

ग्राम खर्रा में चाकूबाजी कर फरार आरोपीगण हुए रायपुर से गिरफ्तार।
थाना गुण्डरदेही में आर्म्स एक्ट के तहत् की गई गिरफ्तारी।

बालोद–घटना दिनांक 27.01.2021 दिन बुधवार के रात्रि 10.00 बजे की है। ग्राम खर्रा स्कूल पारा में आयोजित डांस प्रतियोगिता के...

शादी का प्रलोभन देकर नाबालिग लड़की से दैहिक शोषण. मामला दर्ज.. आरोपी पहुंचा सलाखों के पीछे..

बालोद… जिले के थाना रनचिरई क्षेत्र में नाबालिग लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाने का मामला।प्रकाश में आया है.शादी का...

पियंका गन्धर्व को राज्यपाल प्रमाण पत्र से पुरुस्कृत किया

पत्रकार - उरेन्द्र साहू गरियाबन्द कोपरा | 26 जनवरी के पावन बेला में जिला गरियाबंद में भारत स्काउट्स एवं गाइड्स...

गांधी जी की पुण्यतिथि विश्राम गृह में मनाया गया

फिंगेश्वर विश्राम गृह में मनाया गया गांधी जी की पुण्यतिथि पत्रकार - उरेन्द्र साहू गरियाबन्द कोपरा |प्रदेश कांग्रेस कमेटी के...

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की सपना कुष्ठ मुक्त भारत…

बालोद–विकास खंड गुरूर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी के पुण्य तिथि के अवसर पर खंड...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।