छत्तीसगढ़

*ओबीसी महासभा जिला इकाई गरियाबंद का बैठक सम्पन्न* *नगरी निकाय चुनाव हेतु पार्षद के आरक्षण में ओबीसी आरक्षण में हकमारी पर ओबीसी महासभा लामबंद*

*ओबीसी महासभा जिला इकाई गरियाबंद का बैठक सम्पन्न* *नगरी निकाय चुनाव हेतु पार्षद के आरक्षण में ओबीसी आरक्षण में हकमारी...

*भाजपा की संविधान और दलित विरोधी मानसिकता उजागर, माफी मांगे अमित शाह – फूलोदेवी नेताम*

*भाजपा की संविधान और दलित विरोधी मानसिकता उजागर, माफी मांगे अमित शाह - फूलोदेवी नेताम*   रायपुर- संसद में संविधान...

*रायपुर के खिलाड़ी आरव बाघे ने जूनियर कराते छत्तीसगढ का प्रतिनिधित्व करते हुए मारी बाजी जीता कांस्य पदक ….*

*रायपुर के खिलाड़ी आरव बाघे ने जूनियर कराते छत्तीसगढ का प्रतिनिधित्व करते हुए मारी बाजी जीता कांस्य पदक ....*  ...

*नशे के खिलाफ वक्ता मंच की रंगोली स्पर्धा संपन्न…*

*नशे के खिलाफ वक्ता मंच की रंगोली स्पर्धा संपन्न...*     नशा के खिलाफ वक्ता मंच की अंतरशालेय रंगोली स्पर्धा...

*साइबर जागरूकता ही सुरक्षा के उपाय-गोलोक बिहारी राय*

*साइबर जागरूकता ही सुरक्षा के उपाय-गोलोक बिहारी राय*     रायपुर,14 दिसंबर 2024। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच रायपुर चेप्टर द्वारा...

*प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव युवा नेता सद्दाम सोलंकी को रेलवे बोर्ड में सलाहकार का पद मिला *

*प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव युवा नेता सद्दाम सोलंकी को रेलवे बोर्ड में सलाहकार का पद मिला *    ...

सुकमा के अति-माओवाद प्रभावित क्षेत्र पूवर्ती में विकास की एक नई किरण, आजादी के 78 साल बाद पहली बार इस गांव के लोगों ने दूरदर्शन देखा

सुकमा छत्तीसगढ़ के दक्षिणतम छोर सुकमा जिले के अति-माओवाद प्रभावित और दुर्गम क्षेत्र पूवर्ती में विकास की एक नई किरण...

नई औद्योगिक नीति से भारत का इंडस्ट्रीयल हब बनेगा छत्तीसगढ़ : विष्णुदेव साय

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उद्योगों को दिए जा रहे विशेष प्रोत्साहन आत्मसमर्पण करने वाले  नक्सलियों को रोजगार देने पर उद्योगों...

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6 वीं में प्रवेश हेतु 31 दिसम्बर तक आवेदन आमंत्रित

नारायणपुर, जिले में संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय छेड़ीबेड़ा एवं ओरछा (छोटेडोंगर) में शैक्षणिक सत्र 2025-26 में कक्षा 6वीं में...

त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन : प्रवर्गवार एवं महिलाओं के प्रवर्गवार स्थानों के लिए आबंटन-आरक्षण की कार्रवाई 17 दिसम्बर को सुबह 10 बजे से होगी प्रारंभ

गौरेला पेंड्रा मरवाही, छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 के प्रावधानों के तहत त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की कार्रवाई पूर्ण कर...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।