छत्तीसगढ़

राष्ट्रीय पोषण माह के तहत जिले में आयोजित किए जा रहे महिला जागृति शिविर

धमतरी । एक सितंबर से 30 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान अलग-अलग...

मोदी के जन्मदिवस पर भाजपा महिला मोर्चा वृद्धाश्रम रुद्री में सम्मान समारोह एवं फल वितरण किया गया

धमतरी। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र दामोदर मोदी के जन्मदिन को भारतीय जनता पार्टी सेवा सप्ताह के रूप में मनाने...

प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस को सेवा सप्ताह के रूप में मनाया गया

धमतरी । देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन्मदिवस के उपलक्ष्य में सेवा सप्ताह के रूप में मनाने का...

विश्व फस्टेड दिवस पर पोटियाडीह स्कूल को मिला द्वितीय पुरूस्कार

धमतरी । विश्व फस्टेड दिवस के अवसर पर आयोजित प्रतियोगिता मे शासकीय हाईस्कूल पोटियाडीह के वोलेंटियर्स ने प्रभारी प्राचार्य अवधेश...

छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन के द्वारा मैनपुर थाना प्रभारी को दिया गया जन्मदिन की शुभकामनाएं ।

छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन के द्वारा मैनपुर थाना प्रभारी को दिया गया जन्मदिन की शुभकामनाएं । मैनपुर । मैनपुर के थाना...

मुख्यमंत्री से मुलाकात कर बालोद जिले की समस्याओं से अवगत कराया…

बालोद - बालोद जिला अनुसूचित जाति कांग्रेस के जिला अध्यक्ष दीना राम चेलक ने माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी से...

गरियाबंद के वरिष्ठ पत्रकार फारुख मेमन को पत्रकार अधिमान्यता समिति के सदस्य बनाये जाने पर जिले के पत्रकारों ने किया हर्ष व्यक्त – तीव कुमार सोनी

गरियाबंद के वरिष्ठ पत्रकार फारुख मेमन को पत्रकार अधिमान्यता समिति के सदस्य बनाये जाने पर जिले के पत्रकारों ने किया...

अशोका रत्न रायपुर में गणेश उत्सव में रंगा – रंग कार्यकर्मो की धूम “गणेश लीला “ने मचाया धमाल …..

!-- रायपुर - राजधानी स्थित अशोका रत्न में इन दिनों गणेश उत्सव में रंगा रंग कार्यकर्मो की धूम मची हुई...

भुनेश्वरी का लायन-लायनेस क्लब ने किया सम्मान

धमतरी। लायंस-लायनेस क्लब धमतरी द्वारा कानीडबरी स्थित शासकीय माध्यमिक शाला की छात्रा भुनेश्वरी के द्वारा 5 साल की दो बच्चियां...

मोहर्रम-मुस्लिम भाईयों ने याद किया नवासे रसूल को

इमाम हुसैन आज भी जिंदा हैं, यजीदियत जीतकर भी हार गईधमतरी। करबला की सरजमीं पर दुनियां की बेमिसाल कुर्बानी देने...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।