छत्तीसगढ़

विश्व छात्र दिवस और डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम मिशन पखवाड़ा 15 – 29 अक्टूबर 2019….

भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की 88 वीं जयंती के अवसर पर, विश्व छात्र दिवस और कलाम का मिशन...

चौकसील पहाड़ी पर देवी – देवताओं की शोभायात्रा निकाली – रिपोर्टर इतेश सोनी

चौकसील पहाड़ी पर देवी – देवताओं की शोभायात्रा निकाली - रिपोर्टर इतेश सोनी मैनपुर। तहसील मुख्यालय मैनपुर से 40 किलोमीटर...

पिकल बॉल का पहला शॉट लगाया मुख्यमंत्री ने, फुटबाल स्टेडियम में गोल पोस्ट की ओर मारी किक

छत्तीसगढ़ में 15 हजार से अधिक खिलाड़ियों को बास्केटबॉल के गुर सीखाने वाले स्वर्गीय श्री राजेश पटेल को श्रद्धांजलि देने...

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राष्ट्रीय व्यापार एवं कृषि खाद्य मेला के पोस्टर का किया विमोचन

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में आज राजधानी रायपुर में 8 से 12 नवम्बर तक...

प्रदेश के कोने-कोने से निकली गांधी विचार पदयात्रा : मंत्रीगणों और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में ब्लॉकों में आयोजित पदयात्रा में बड़ी संख्या में शामिल हुए लोग

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150 वीं जयंती के अवसर पर गांधी जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने प्रदेश मंे...

मुख्य सचिव श्री सुनील कुजूर की अध्यक्षता में आज यहां नया रायपुर में मध्य क्षेत्रीय परिषद की स्थाई समिति की 13वीं बैठक आयोजित हुई…

मुख्य सचिव श्री सुनील कुजूर की अध्यक्षता में आज यहां नया रायपुर में मध्य क्षेत्रीय परिषद की स्थाई समिति की...

बस्तर दशहरा पर तुपकी शॉट्स द्वारा एक दिवसीय फ़ोटो प्रतियोगिता का सम्पन्न हुआ

सूरज डिजिटल ऑफसेट प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से तुपकी शॉट्स संस्था – बस्तर के द्वारा कुम्हड़ा कोट मैदान, जगदलपुर में...

रामकृष्ण ध्रुव ब्लाॅक कांग्रेस के सचिव नियुक्त – इतेश सोनी (प्रेस रिपोर्टर)

रामकृष्ण ध्रुव ब्लाॅक कांग्रेस के सचिव नियुक्त - इतेश सोनी (प्रेस रिपोर्टर) मैनपुर । मैनपुर नगर के आदिवासी युवा नेता...

निर्दोषों की रिहाई के लिए सीएम भूपेश बघेल से मिलेंगे आदिवासी, रखेंगे ये शर्त

दंतेवाड़ा. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सल (Naxal) आरोप में जेलो में बंद निर्दोष आदिवासियों (Tribal) की रिहाई को लेकर दंतेवाड़ा (Dantewada)...

इस शहर में खुला देश का पहला गार्बेज कैफे, प्लास्टिक के बदले मिलेगा भरपेट खाना

अंबिकापुर. पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देश में सिंगल...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।