शिवशंकर सोनपिपरे

एनजीटी के दखल से रुका वीआइपी रोड का 220 करोड़ का एक्सटेंशन

भोपाल नेशनल ग्रीन ट्ब्यिूनल के हस्तक्षेप के बाद राजधानी में वीआइपी रोड के सामांतर एक नई सड़क बनाने का काम...

शिवराज ने गुरुनानक देव के प्रकाश पर्व पर नमन किया

भोपाल. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्पूर्ण विश्व को एकता, शांति एवं सद्भाव का संदेश देने वाले सिक्ख...

IND vs AUS: सूर्यकुमार की युवा टीम का कमाल, लगातार दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया को धोया; यशस्वी-ईशान चमके

तिरुवनंतपुरम. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच टी20 मैच की सीरीज का दूसरा मुकाबला टीम इंडिया ने 44 रन से...

IPL 2024: गुजरात से मुंबई पहुंचे हार्दिक पांड्या, कैमरून ग्रीन अब आरसीबी में

मुंबई. गुजरात टाइटंस के कप्तान हार्दिक पांड्या आखिरकार रविवार को अपनी पुरानी आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस वापस लौट गए। उनका...

छत्तीसगढ़ में फिर दिखा नक्सलियों का कहर: 50 से ज्यादा ने दिया घटना को अंजाम

जगदलपुर. दंतेवाड़ा जिले के भांसी थाना क्षेत्र के डामर प्लांट में नक्सलियों ने बीती रात जमकर उत्पात मचाते हुए 16...

अब भारतीय न्याय संहिता की बारी, खत्म होंगे IPC और CRPC; शीत सत्र में पेश होंगे विधेयक

नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू होगा और 22 तारीख तक चलेगा। संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी...

हिंदू कनाडा में भी डरे नहीं, मंदिर में बवाल करने पहुंचे खालिस्तानियों को दौड़ाया

नई दिल्ली. कनाडा में हिंदू और भारतीय समुदाय के खिलाफ खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियां जारी हैं। ताजा मामला सरी का...

कभी अमेरिका हमारा मजाक उड़ाता था, अब…पाक पर क्या बोले मोहन भागवत?

नई दिल्ली. आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने रविवार को एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया को हमें...

गाजा संघर्ष के साइड इफेक्ट: अमेरिका में 3 फिलिस्तीनी छात्रों को मारी गोली, हेट क्राइम का शक

बर्लिंगटन. इजरायल-हमास के बीच आंशिक और तत्कालिक युद्ध विराम के बीच, अमेरिका के वर्मोंट प्रांत के बर्लिंगटन शहर में शनिवार...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।