शिवशंकर सोनपिपरे

जिम से डाक्टर के 2 लाख के जेवर चोरी , पुलिस ने एक महिला को किया गिरफ्तार

भोपाल शाहपुरा पुलिस ने गोल्ड जिम में एक महिला डाक्टर के दो लाख की दिलचस्प चोरी का राजफाश कर दिया,...

बिलासपुर की फैक्टरी में भीषण आग से लाखों का बारदाना खाक

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित बारदाना फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। तोरवा में स्थित फैक्ट्री में आग...

लेट्स गिव बेक, बेक टू रूट के तत्वावधान में बहुत सालों से काम कर रहा

भोपाल वास्तव में भारतीय कला और संस्कृति को एवं स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा  देने के लिए स्वर्गीय बबीता सक्सेना...

महाकालेश्वर मंदिर में 28 सितंबर से 2 अक्टूबर तक उमा-सांझी महोत्सव का आयोजन

उज्जैन शिव एवं उमा का प्रकृति और पुरुष का उत्सव श्री महाकालेश्वर मंदिर में उमा-सांझी महोत्सव के रूप में मनाया...

NC व कांग्रेस जो भाषा बोल रही, वही पाकिस्तान भी बोल रहा, इनकी पार्टी का दफ्तर दिल्ली में है या इस्लामाबाद में: सीएम यादव

सांबा जो कहते थे कि अनुच्छेद 370 हटा तो खून की नदियां बह जाएंगी, आज वे देख रहे होंगे। जम्मू-कश्मीर...

नपा अध्यक्ष की कथनी करनी एक, एक वादा किया तो निभाया – विष्णु श्रीवास्तव

टीकमगढ़  देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की भव्य प्रतिमा कुछ समय पूर्व किन्ही कारणों से निकाल दी गई...

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में सदस्यता अभियान का बना मध्य प्रदेश में रिकॉर्ड…

खजुराहो भारतीय जनता पार्टी के द्वारा चलाए जा रहे सदस्यता अभियान में मध्य प्रदेश के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त...

चौकी फुनगा से 02 गिरफ़्तारी वारंटी पकड़ कर तामील किए गए

कोतमा  चौकी फुनगा द्वारा बीती रात गश्त के दौरान मान. जेएमएफसी कोतमा से जारी गिरफ़्तारी वारंट प्रकरण क्रमांक 31268/17 धारा...

सोडा फैक्ट्री के गैस रिसाव से प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य का हाल-चाल जानने शहडोल मेडिकल कॉलेज पहुंचे कलेक्टर

अनूपपुर  जिले के नगर परिषद बरगवां/अमलाई क्षेत्र स्थित सोडा फैक्ट्री में गैस रिसाव से प्रभावित हुए लोगों के स्वास्थ्य का...

बिजुरी में आयोजित दो दिवसीय शिविर में लगभग 11974 लोगो का किया गया स्वास्थ्य परीक्षण

बिजुरी में आयोजित दो दिवसीय शिविर में लगभग 11974 लोगो का किया गया स्वास्थ्य परीक्षण कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।