शिवशंकर सोनपिपरे

ज्यादातर एग्जिट पोल्स में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन को 35 से 40 सीटें मिलने का अनुमान जताया, महबूबा पर क्यों नजरें

श्रीनगर जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को आने वाले हैं, लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल के अनुमानों ने हलचलें...

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले भूपिंदर सिंह हुड्डा दिल्ली पहुंच गए, राहुल गांधी से करेंगे मुलाकात

नई दिल्ली हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले भूपिंदर सिंह हुड्डा दिल्ली पहुंच गए हैं। वह यहां पार्टी...

राजस्थान-अलवर में नशेड़ी बदमाशों ने युवक के सिर पर फोड़ी 6 बोतलें, गंभीर हालत में जयपुर रैफर

अलवर. शहर के अरावली विहार थाना अंतर्गत इंदिरा गांधी स्टेडियम के समीप कल दोपहर तीन कुख्यात बदमाशों ने शराब के...

राजस्थान-एसआई भर्ती परीक्षा होगी रद्द या नहीं, समिति की बैठक में होगा फैसला

जयपुर. राजस्थान एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक मामले के बाद आज अहम बैठक होगी। पेपर लीक का खुलासा...

पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा के दिशा-निर्देशों के तहत पंजाब जिले में बढ़ाई गई सुरक्षा, लगे हाईटेक नाके

जालंधर पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा के दिशा-निर्देशों के तहत कमिश्नरेट पुलिस ने त्योहारों के सीजन और पंचायत चुनाव के दौरान...

ट्रेनी डॉक्टर के रेप एंड मर्डर केस में CBI ने दायर की चार्जशीट, संजय रॉय ने ही किया था बलात्कार, फिर हत्या

कोलकाता कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप एंड मर्डर केस में केंद्रीय अन्वेषण...

राजस्थान-अलवर में पानी की टंकी पर चढ़ा युवक, उधार शराब नहीं देने पर हाईप्रोफाइल ड्रामा

अलवर. जिले के खेड़ली कस्बे में समीपवर्ती गांव खेरली रेल में एक शराबी युवक ने उधार की शराब नहीं मिलने...

दो अमेरिकी वैज्ञानिकों विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को वर्ष 2024 का चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देने का हुआ ऐलान

स्टॉकहोम दो अमेरिकी वैज्ञानिकों विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को वर्ष 2024 का चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार देने...

राजस्थान-दौसा में बांदीकुई फायरिंग के बदमाश हत्थे चढ़े, मेहंदीपुर बालाजी पुलिस ने चलाया विशेष अभियान

दौसा. बांदीकुई शहर में पिछले दिनों कुछ अज्ञात बदमाशों ने फायरिंग कर शहर में दहशत फैलाने का प्रयास किया था,...

दिव्यांग कलेक्टोरेट परिसर के बाहर बैठा आमरण अनशन पर, मांगे पूरी नहीं होने पर इच्छामृत्यु की मांग

गरियाबंद गरियाबंद के वार्ड क्रमांक 15 में रहने वाले दिव्यांग अनिल कुमार यादव ने कलेक्टोरेट परिसर के बाहर अपनी ट्रायसायकल...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।