एडमिरल करमबीर सिंह ने नौ सेना प्रमुख के रूप में पदभार संभाला

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नई दिल्ली:

नौसेना के नए प्रमुख वाइस एडमिरल करमबीर सिंह (Karambir Singh) ने आज यानी शुक्रवार को पदभार संभाल लिया. एडमिरल करमबीर सिंह Karambir Singh ने एडमिरल सुनील लांबा से पदभार संभाला. नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा, “मेरे पूर्ववर्तियों ने सुनिश्चित किया कि नौसेना के पास एक ठोस आधार है और नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है. मेरा प्रयास रहेगा कि मैं उनके प्रयासों को जारी रखूं और राष्ट्र को ऐसी नौसेना प्रदान करूं, जो मजबूत, विश्वसनीय और समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हो.” बता दें कि सरकार ने थल सेना की तरह नौसेना में भी सीनियर के रहते जूनियर अफसर को प्रमुख बनाया. वाइस एडमिरल सिंह से छह महीने सीनियर वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने इसके खिलाफ आर्म्ड फ़ोर्सेज़ ट्राइब्यूनल में अपील कर रखी है. 29 मई को ट्राइब्यूनल ने ही वाइस एडमिरल करमबीर सिंह  (Karambir Singh)  को प्रमुख बनने को लेकर तो हरी झंडी दिखा दी थी, लेकिन यह भी कहा था कि अंतिम फ़ैसला वाइस एडमिरल बिमल वर्मा की अर्ज़ी पर फ़ैसले के बाद ही होगा.

इससे पहले वाइस एडमिरल बिमल वर्मा (Bimal Verma) ने आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल में नये बनने वाले नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल करमबीर सिंह (Karambir Singh) के खिलाफ फिर से नई याचिका दायर की थी. ट्रिब्यूनल में बुधवार को वर्मा की इस याचिका पर सुनवाई हुई थी. सूत्रों के मुताबिक, वर्मा ने ट्रिब्यूनल से ये अनुरोध किया था कि वह उनकी और सिंह के सर्विस रिकॉर्ड को मंगवाकर देखें और तय करें कि कहीं किसी बाहरी दवाब में आकर ये फैसला तो नहीं लिया गया है. 

अंडमान निकोबार कमांड के प्रमुख वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने नए होने वाले नौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल करमबीर सिंह (Karambir Singh) की नियुक्ति को चुनौती दी थी. शनिवार को ही रक्षा मंत्रालय ने वाइस एडमिरल बिमल वर्मा की वैधानिक याचिका खारिज़ कर दी थी. बिमल वर्मा का कहना है कि वो करमबीर सिंह से छह महीने सीनियर है इसलिए उन्हें नौसेना प्रमुख बनाया जाए. इस संबंध में सरकार का कहना है कि केवल वरिष्ठता के आधार ही प्रमुख नहीं बनाया जा सकता है, बल्कि दूसरे मापदंड भी मायने रखते है.  

सूत्रों के मुताबिक. वाइस एडमिरल वर्मा को नेवी चीफ ना बनाये जाने के पीछे का आधार उनका ऑपरेशनल कमांड का अनुभव का ना होना, नेवी वॉर रूम लीक में उनके खिलाफ की गई टिप्पणी और पीवीएसएम का ना मिलना है. वर्मा की बेटी रिया वर्मा ने एनडीटीवी से कहा था कि हम सरकार के फैसले से संतुष्ट नही है . हमें लगता है कि हमारे साथ अन्याय हुआ है और ये खतरनाक चलन है जिसमें जूनियर को चीफ बनाया जा रहा है. 

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