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चीन की दादागिरी होगी खत्म, भारत बनाने जा रहा है सेमीकंडक्टर, सस्ते हो जाएंगे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स

नई दिल्ली मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का हब बन चुके भारत में सेमीकंडक्टर प्लांट का काम शुरू हो गया है और यहां...

विजयदशमी पर वृद्धि योग समेत बन रहे हैं ये 3 अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल

ज्योतिष गणना के मुताबिक, सनातन धर्म में कोई भी पर्व जब पड़ता है, तो उसका ग्रह नक्षत्र भी देखा जाता...

भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में उम्मीदवार का विरोध अपने चरम पर

भोपाल भाजपा और कांग्रेस में उम्मीदवारों के नाम फाइनल होने के बाद विरोध के स्वर सुनाई देने लगे हैं। कई...

प्रदेश में भाजपा-कांग्रेस ने एक ही पैटर्न पर बांटे टिकट

भोपाल मध्य प्रदेश में तकरीबन सभी सीटों पर प्रमुख प्रतिद्वंदी भाजपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी...

‘इजरायल-हमास के संघर्ष से तीसरा विश्‍व युद्ध हुआ तो भारत को बड़ा नुकसान’ विशेषज्ञ से समझें

तेल अवीव सात अक्‍टूबर को फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन फिलिस्‍तीन ने इजरायल पर अचानक बोल दिया। इस हमले के बीच...

CJI चंद्रचूड़ हार्वर्ड लॉ स्कूल में सम्मानित हुए, दिया गया सर्वोच्च पशेवर सम्मान ‘अवार्ड फॉर ग्लोबल लीडरशिप’

नई दिल्ली भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआइ) डीवाई चंद्रचूड़ को अमेरिका के प्रतिष्ठित हार्वर्ड ला स्कूल ने अपने सर्वोच्च पेशेवर...

सेना ने उरी में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ नाकाम की, 2 आतंकवादी मारे गए

 श्रीनगर  सेना ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की कोशिश...

MP Election 2023: मध्य प्रदेश की सभी भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों की पूरी लिस्ट

भोपाल विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने पांच सूचियां जारी कर 228 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी है।...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।