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मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक योजना का कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे आज करेंगे शुभारंभ

रायपुर बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सुमाभाठा में गुरुवार 28 सितंबर को कृषक सह श्रमिक सम्मेलन का आयोजन होगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश...

गणेश प्रतिमा विसर्जन : 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को इन रास्तों से भूल कर भी न जाएं, पुलिस ने जारी किया ट्रैफिक रूट डायवर्जन प्लान

रायपुर रायपुर। नगर में स्थापित गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कार्यक्रम चल समारोह का मुख्य कार्यक्रम 30 सितम्बर को रात में...

सत्ता में आने पर बनने पर श्रीलंका में सीता मंदिर बन बायेगी सरकार : कमलनाथ

भोपाल मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता आती है तो...

सत्ता में आने पर बनने पर श्रीलंका में सीता मंदिर बन बायेगी सरकार : कमलनाथ

भोपाल मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता आती है तो...

कांग्रेस में रोज बदले जा रहे टिकट – डॉ. दुर्गेश केसवानी

भोपाल. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश केसवानी ने कहा कि कांग्रेस में रोज टिकटों को बदला जा रहा है। इससे...

इजरायल के हमले से एक रात में 700 की मौत, गाजा में कहर बनकर टूटे रॉकेट

गाजा गाजा पट्टी पर इजरायली सेना का कहर जारी है। इजरायली सेना पहले ही हमास को नेस्तनाबूत करने की चेतावनी...

जनजातीय समाज की विरोधी रही है कांग्रेस पार्टी – अर्जुन मुंडा

भोपाल. आजादी के बाद देश-प्रदेश में लंबे समय तक कांग्रेस की सरकारें रहीं, लेकिन इन सरकारों ने जनजातीय समाज की...

India नहीं अब ‘भारत’ पढ़िए… किताबों में बदलेगा देश का नाम, NCERT पैनल ने दी मंजूरी

नईदिल्ली विपक्षी गठबंधन द्वारा अपना नाम I.N.D.I.A. द्वारा रखे जाने के बाद इस मसले पर लगातार बहस जारी है। अब...

निशा बांगरे ने किया चुनाव लड़ने का एलान

भोपाल मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने सरकार की तरफ से इस्तीफा स्वीकार करने के अगले...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।