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छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 253 उम्मीदवार करोड़पति, सिंहदेव सबसे अमीर

रायपुर छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में चुनाव लड़ रहे 953 उम्मीदवारों में से 253 उम्मीदवार करोड़पति हैं, जिनमें...

48,894 वरिष्ठ और दिव्यांग मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट से किया मतदान

भोपाल मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश में अब तक 48 हजार 894 वरिष्ठ और दिव्यांग मतदाताओं ने मतदान की...

महंगाई-बेरोजगारी से जाति जनगणना पर शिफ्ट हुआ कांग्रेस का प्रचार

भोपाल विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी ओबीसी आरक्षण और जातिगत जनगणना की चर्चा करके...

उत्तराखंड में अगले हफ्ते लागू हो जाएगा UCC? दिवाली बाद विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की तैयारी

देहरादून उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला भारतीय राज्य बनने की ओर अग्रसर है, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना देसाई...

इलेक्शन में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता का पैमाना न होना बन सकता है विडंबना

भोपाल राजनीति में आने के लिए पढ़ाई लिखाई जरूरी नहीं। विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवारों का आंकड़ा तो कम...

पुष्पक विमान से अयोध्या पहुंचे प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और मां सीता, सीएम ने उतारी आरती, किया राजतिलक

लखनऊ 14 वर्ष वनवास के बाद भगवान राम, माता सीता और भइया लक्ष्मण पुष्पक विमान से अपनी अयोध्या लौट आए।...

विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को राजनीतिक रूप से मिला बड़ा लाभ

भोपाल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को राजनीतिक रूप से बड़ा लाभ मिला है। दिल्ली में ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों...

समृद्ध, विकसित प्रदेश का रोड मैप, CM बोले-हम ही हैं जो कहते हैं-वो करते हैं…

भोपाल विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश भाजपा ने आज संकल्प (घोषणा) पत्र जारी कर दिया। संकल्प पत्र भाजपा के राष्ट्रीय...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।