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मैहर: 3 माह से नहीं थी बिजली, ग्रामीणों ने लाइनमैन को बनाया बंधक

सतना चुनावी सीजन में भी ग्रामीण क्षेत्रों की स्थितियां देखने शायद कोई नहीं जाता। इसका ताजा नमूना मैहर जिले का...

CM शिवराज का राहुल-प्रियंका पर हमला, बोले- दोनों भाई-बहन लगातार झूठ बोलते हैं

जयपुर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने पत्रकारों से बात करते हुए राहुल और प्रियंका गांधी पर तीखा हमला बोला।...

कांग्रेस – बीजेपी के सीनियर लीडर्स के लिए निर्णायक होगा बुंदेलखंड का रण

भोपाल मध्य प्रदेश की बुंदेलखंड की 26 विधानसभा सीटों का रण इस बार कई सीनियर लीडर्स के लिए निर्णायक साबित...

4 दिन के लिए बंद हुई इजरायल-हमास की जंग… 30 बच्चों समेत 50 बंधकों की होगी रिहाई, 150 फिलिस्तीनी भी छूटेंगे

तेलअवीव इजरायल हमास युद्ध के 47 दिन बाद आखिर सीजफायर हो गया है. अब कुछ ही घंटे में गाजा में...

उत्तरकाशी में रेस्क्यू टीम के लिए बड़ी कामयाबी, जिस चट्टान ने रोकी थी ड्रिलिंग… उसे भेदने में मिली सफलता

उत्तरकाशी उत्तरकाशी की टनल में फंसे श्रमिकों के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को एक बड़ी सफलता मिली है....

गाजा में अब रुक जाएगी जंग! हमास नेता का दावा- इजरायल के साथ संघर्ष विराम समझौते के बेहद करीब

तेल अवीव. हमास के पोलित ब्यूरो नेता इस्माइल हानियेह ने दावा किया कि उनका आतंकवादी समूह यहूदी राष्ट्र पर हमले...

भारत की सड़कों से चंद कदम दूर Tesla! जानिए पहली कार और फैक्ट्री को लेकर कहां तक पहुंचा प्लान

नईदिल्ली इंडियन ऑटो सेक्टर तेजी से इलेक्ट्रिफाइड हो रहा है, भारत के बढ़ते बाजार पर तकरीबन हर दिग्गज़ ब्रांड की...

प्रदेश पुलिस में एक साल पहले की ही तरह इस साल भी डीआईजी की पदोन्नति को लेकर पेंच फंस

भोपाल प्रदेश पुलिस में एक साल पहले की ही तरह इस साल भी डीआईजी की पदोन्नति को लेकर पेंच फंस...

परिणाम से पहले किनके सहारे दमदार वापसी को लेकर शिवराज सिंह चौहान को भरोसा!

भोपाल  एमपी में वोटिंग के बाद बीजेपी और कांग्रेस के अपने-अपने दावे हैं। सबसे ज्यादा चर्चा सीएम शिवराज सिंह चौहान...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।