top-news

प्रधानमंत्री श्री मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के लिए प्रयास अभिनंदनीय : सुश्री उमा भारती

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरूवार को सौजन्य भेंट के लिए पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती के श्यामला हिल्स स्थित...

विज्ञान मेला: आज मेले के शुभारंभ दिवस पर ‘विज्ञान प्रतिभा सम्मान’ और प्रतिभागियों ‘सीधा संवाद’ किया जाएगा

भोपाल मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मध्यप्रदेश शासन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग) और विज्ञान भारती द्वारा संयुक्त रूप से 11वां...

लोकसभा चुनाव में 64.64 करोड़ मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया : निर्वाचन आयोग

नई दिल्ली  निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव में 64.64 करोड़...

खंडवा शहर में बेहतर सफाई के लिए निगम ने नया प्रयास शुरू किया, अब रविवार के दिन भी होगी सफाई

खंडवा शहर में बेहतर सफाई के लिए निगम ने नया प्रयास शुरू किया. अब रविवार छुट्टी के दिन भी शहर...

सुप्रिया सुले ‘EVM को दोष देना गलत…’, सुप्रिया सुले ने कांग्रेस और उद्धव गुट को दी ये नसीहत

मुंबई महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाडी (MVA) की करारी हार के बाद कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT)...

सार्वजनिक स्थानों पर चार्जिंग से बचें और पब्लिक Wi-Fi पर निजी जानकारी साझा करने से बचें: UGC

नई दिल्ली अगर आप भी सार्वजनिक वाई-फाई इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाएं, क्योंकि इससे आप साइबर...

50 हजार गा़ंवों के 58 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड का आज होगा वितरण

नई दिल्ली  केन्द्रीय पंचायती राज मंत्रालय की ओर से दस राज्यों और दो केन्द्र शासित प्रदेशों के 50 हजार गांवों...

चेन्नई के रोयापुरम कासिमेदु इलाके में 20 साल पहले आई सुनामी को लेकर निकाली गई ‘शांति रैली’

चेन्नई चेन्नई के रोयापुरम कासिमेदु इलाके में साल 2004 की सुनामी की 20वीं बरसी पर एक शांति रैली और स्मारक...

निकाय चुनाव की घोषणा होते ही सरकारी नियुक्तियों और तबादलों पर लगेगी रोक

रायपुर राज्य सरकार ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली हैं। जल्द ही चुनाव की घोषणा...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।