प्रेमचंद जयंती की पूर्व संध्या वक्ता मंच की डिजिटल काव्य गोष्ठी हुई
रायपुर।प्रख्यात प्रगतिशील साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती की पूर्व संध्या आज 30 जुलाई को वक्ता मंच द्वारा गूगल मीट के माध्यम से आन लाईन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया ।इसमें प्रदेश व प्रदेश के बाहर के 35 कवियों ने विविध विषयों पर धुआंधार व रोचक प्रस्तुतियां दी।कार्यक्रम की मुख्य अतिथि छ ग विधानसभा से प्रकाशितहोनेवाली पत्रिका की संपादक मंडल की सदस्य सुश्री शोभा यादव ने प्रेमचंद के साहित्यिक जीवन का स्मरण करते हुए कहा कि व्यक्तिगत तकलीफों के बावजूद उन्होंने साहित्य के नये स्वरूप को गढ़ा।काव्य गोष्ठी का संचालन वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते ने किया।इसका तकनीकी संयोजन शुभम साहू का रहा।गोष्ठी का आरंभ डॉ कमल वर्मा द्वारा प्रस्तुत सुमधुर सरस्वती वंदना से हुआ:-
लिख दो मेरे ललाट पर भक्ति का वरदान,
मा शारदा सदा तेरे चरणों पर रहे मेरा ध्यान।
श्रीमती आशा साहू ने कोरोना काल की भयावहता को इन शब्दों में व्यक्त किया:-
कैसा भयावह मंजर है आज का
अस्पताल में जिंदा जाता है आदमी
वापसी का कोई द्वार नही
अर्थी को कंधा देने चार हाथ नही
आसुओ की बहती धारा को पोछने कोई साथ नही।
अम्बिकापुर के सुजीत क्षेत्री की पीड़ा इस प्रकार व्यक्त हुई:-
महामारी की इस बेला पर
दो हिस्सों में बंट गया है मेरा देश
तुम तो हो अपने घरों में
दर दर भटक रहा आधा देश
ग्राम भिम्भौरी के कमलेश वर्मा की छत्तीसगढ़ी कविता इस प्रकार रही:-
माटी के संग मिल के
माटी के शान बन जा
माटी ल माथ लगैया
तै किसान बन जा।
प्रियंका गुप्ता ने प्रेम से परिपूर्ण कविता प्रस्तुत की:-
चुपके से अपना ये दिल मैंने तुमको दे दिया
मेरी चाहत को तुम भी जान लो सनम।
काव्य गोष्ठी में बेमेतरा के नारायण वर्मा ने छत्तीसगढ़ी गीत,महासमुंद से द्रौपदी साहू ने छत्तीसगढ़ी कविता,प्रदीप साहू कुँवर दादा ने सैनिकों की वीरता पर,वी आर जाटवर ने छत्तीसगढ़ी कविता,शिवानी मैत्रा ने विरह पर,शुभा शुक्ला ने सावन पर,मिनेश कुमार साहू ने छत्तीसगढ़ी गीत,तनु श्री डडसेना ने प्रेम पर,गोपा शर्मा ने आत्मविश्वास पर,डॉ इंद्रदेव यदु ने कोरोना पर,गुल सोनी ने लॉक डाउन पर,उर्मिला देवी ने वक्ता मंच के उत्कृष्ट कार्यो पर,नीता भंडारकर ने कोरेण्टाईन होनेवाले व्यक्ति के परिवार की व्यथा पर, कानपुर की गुल सोनी ने सावन पर एवं रोशन कुमार ने हिंदी कविता प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी।देर शाम तक जारी इस काव्य गोष्ठी में शिवानी मैत्रा,दिलीप कुमार टिकरिहा,आगमन अग्रवाल,घनश्याम परकार, मोहित शर्मा,चेतन भारती, अनिल कुमार श्रीवास्तव, गोपा शर्मा,द्रोपदी साहू,डी जे रवि, पूरणेश डडसेना,अभी पटेल,चंद्रेश वर्मा,किरण वैद्य,मधु तिवारी, यशवंत यदु, शिव वर्मा सहित अनेक कवि एवं श्रोतागण उपस्थित रहे।कार्यक्रम के अंत मे लॉक डाउन के दौर में भी वक्ता मंच द्वारा ऑनलाइन माध्यमो से साहित्यिक गतिविधियां जारी रखने के प्रयासों की सबने सराहना की।