एक ओर पूरा देश अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रहा है. और यहां एक महिला पैसों के अभाव में बिना इलाज जिंदगी की जंग लड़ रही है. शासन प्रशासन मौन. पढ़िए पूरी खबर..
बालोद..जिले के गुरूर थाना क्षेत्र के ग्राम बालोदगहन जहां कुछ दिन पहले 29 फरवरी को मनरेगा कार्य से काम कर वापस गांव आ रहे थे. तभी अनियंत्रित होकर पिकअप वाहन दुर्घटना हो गया था. जिसमें सवार मनरेगा 15 मजदूर घायल हो गए थे. वही एक महिला मजदूर की मौत हो गई थी. जिसमें 4 मजदूरों की हालत गंभीर बनी हुई थी. जिसे धमतरी स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया था. महिला मजदूर की गंभीर स्थिति को देखते हुए रायपुर रिफर कर दिया गया था. जिसमें एक महिला मजदूर कमला सोरी की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. पैसों के अभाव के चलते इलाज कराने मे असमर्थता जाहिर करते हुए उनके परिजनों ने अस्पताल से छुट्टी कर वापस घर ले आए. इतनी बड़ी संख्या में मनरेगा मजदूर दुर्घटना का शिकार हुए. लेकिन अभी तक कोई भी जनप्रतिनिधि मदद के लिए सामने नहीं आया है. और ना ही मनरेगा के अधिकारी कर्मचारी आया है. एक ओर शासन प्रशासन निशुल्क चिकित्सा के नाम पर दंभ भर रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर कई घरों में आज भी महंगी चिकित्सा के चलते इलाज नहीं करा पा रहे हैं. आज महिला दिवस है. कमला सोरी उन गरीब महिलाओं मे से है. जिन्होंने अपने पति की मृत्यु के बाद दूसरों के घर मजदूरी कर अपने परिवार का भरन पोषण कर हिम्मत नहीं हारी. सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज परिवार के समस्त सदस्यों के द्वारा उन महिलाओं को नमन करते हैं. जिन्होंने अपने परिवार के अपनों के लिए अपना सुख को समर्पित कर दिया. बालोद से. के. नागे. कि रिपोर्ट