बज़ट से अनियमित कर्मचारियों में आक्रोश 17 मार्च 2020 को विधान सभा घेराव

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विदित हो कि मार्च 3, 2020 को छत्तीसगढ़ का बज़ट माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत किया गया बज़ट में अनियमित कर्मचारियो से किये वादे अनुरूप इस बज़ट में अनियमित कर्मचारियो के लिए प्रावधान नही किये जाने से समस्त अनियमित कर्मचारियो का भविष्य अंधकारमय प्रतीत हो रहा है जबकि घोषणा पत्र में किये वादे के अनुसार अनियमित कर्मचारियों को नियमित किये जाने व छटनी नहीं किये जाने का वादा किया गया था परन्तु इसके विपरीत लगातार अनियमित कर्मचरियों की छटनी जारी है जिस पर तत्काल रोक लगाने की आवश्यकता है अनियमित कर्मचारियों की मांगो में मुख्य रूप से नियमितीकारण किये जाने की मांग है पर अनियमित कर्मचारियों की मांगो से सरकार उदासीन नज़र आ रही है भुपेश सरकार का यह दूसरा बज़ट था जोकि 1 लाख करोड़ से ज्यादा का होने के बावजूद भी इस बज़ट में अनियमित कर्मचारियो के नियमितीकरण किये जाने बज़ट में कोई प्रावधान नहीं किया गया इससे अनियमित अधिकारी कर्मचारी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है व उनमे रोष व गुस्सा है ,जबकि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2019 में कहा गया था कि यह वर्ष किसानो का,अगला वर्ष कर्मचारियो के लिए होगा, परन्तु इस विशाल बज़ट में अनियमित कर्मचारियो के किये कुछ ना देकर यह उन्हें ठेंगा दिखा दिया ।

बजट में अनियमित कर्मचारियो के लिए कुछ प्रावधान नही किये जाने से क्षुब्ध होकर छत्तीसगढ़ सँयुक्त प्रगीतिशील कर्मचारी महासंघ की आपात कालीन बैठक आयोजित की गई जिसमे महासंघ के सरंक्षक श्री विजय झा व प्रदेश अध्यक्ष श्री बजरंग मिश्र ने कहा है कि अब अनियमित कर्मचारियो के पास एक मात्र विकल्प आन्दोलन ही है इसी परिपेक्ष में सर्वसम्मति से 17 मार्च 2020 को विधानसभा घेराव किये जाने का निर्णय लिया गया बैठक में मुख्य रूप से राजकुमार कुशवाहा,शाहिद मंसूरी,धर्मेंद्र सिंह राजपूत,कमलेश कुमार सिन्हा, पंकज चन्द्रकार,मानसिंह चौहान,शैलेन्द्र,दीपक,अनिल साहू ,प्रदीप देवांगन व बिसाहू यादव उपस्थित रहे ।

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