जनजाति जीवन चुनौतियां – उभरती तकनीकी पर राष्ट्रीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दी जानकारी

0
Spread the love

दंतेवाड़ा:-
दंतेवाड़ा जिले के एजुकेशन सिटी जावंगा में जिला प्रशासन दंतेवाड़ा के सहयोग से एनएमडीसी डीएवी पॉलीटेक्निक महाविद्यालय के द्वारा “जनजातीय जीवन चुनौतियां – उभरती तकनीकी” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित किया गया। दंतेवाड़ा पॉलीटेक्निक महाविद्यालय ने पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर प्राचार्य डॉ मुकेश ठाकुर के अध्यक्षता में यह कार्यशाला आयोजन किया, जिसमें छत्तीसगढ़ तथा बस्तर संभाग क्षेत्र में जनजातीयों का समस्या व तकनीकी का उपयोग, विकास और सामाजिक आर्थिक स्थिति के बारे में चर्चा हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकनन्द विश्वविद्याल के उपकुलपति डॉ एम के वर्मा ने बताए की तकनीकी सब के लिए उपलब्ध है। शिक्षा और विकास के क्षेत्र में सदुपयोग करें। सारे इंसानों के पास एक दिन में बराबरी 24 घंटे का समय होता है। जो सही मार्ग पे उपयोग करेगा वहीं विकास होपाएगा। चीफ पेट्रोन दंतेवाड़ा कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने सरकारी योजनाएं और शिक्षा के बारे में बताया। उन्होंने गड़बो नवा दंतेवाड़ा की संदेश दिया और दंतेवाड़ा जिला को उन्नति व नाम रोशन करने को कहा। इस कार्यशला में विशिष्ट अतिथि सुपरिटेंडेंट आफ पुलिस डॉ अभिषेक पल्लव, एनएमडीसी बचेली कॉम्प्लेक्स के संयुक्त जनरल मैनेजर श्री रवीन्द्र नारायण ने भी मौजूद थे। रवीन्द्र नारायण ने कहा की एनएमडीसी ने सीएसआर के तहत जिला प्रशासन के साथ मिलकर शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य विकाश के क्षेत्र में काम कररहा है।
इस राष्ट्रीय कार्यशाला में स्वास्थ्य, सरकारी योजनाएं, जंगल प्रबंधन व ऊर्जा के बारे में 4 टेक्निकल अधिवेशन के रूप में चर्चा किया गया। प्रथम अधिवेशन में दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव ने “स्वच्छता और स्वास्थ्य” विषय पर बस्तर क्षेत्र में इसका स्थिति और क्वालिटी के बारे में बताया। द्वितीय अधिवेशन में जिला पंचायत दंतेवाड़ा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एस आलोक ने “छत्तीसगढ़ आदिवासी जीवन के उत्थान के लिए सरकार की योजनाओं” के विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी सांझ किया। तृतीय अधिवेशन में भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के आजीवन सदस्य तथा आस्था विद्या मंदिर जवांगा के शिक्षक अमूजूरी बिश्वनाथ ने “वन उत्पाद प्रबंधन” विषय पर पीपीटी प्रस्तुति दी। बिश्वनाथ ने बताया की छत्तीसगढ़ के ग्रीनलैंड बस्तर क्षेत्र में जीवन व वनांचल में विभिन्न चुनौतियां और तकनीकी का उपयोग से सामाजिक-आर्थिक विकास के बारे में मूल्यवान जानकारी दी। चतुर्थ अधिवेशन में छत्तीसगढ़ तकनीकी शिक्षा विभाग के पूर्व निदेशक तथा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के डॉ डीएस बाल ने “ऊर्जा और नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग” के विषय पर पीपीटी प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम में 100 से ज्यादा शिक्षक शिक्षिका, अध्यापकों और 600 से ज्यादा विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। राष्ट्रीय कार्यशाला सफल होने में दंतेवाड़ा पॉलीटेक्निक महाविद्यालय के समस्त स्टाफ का अहम योगदान रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed