उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में डाक्टरो के इलाज से 6 जानवरों की हो चुकी है मौत, अब वन भैंसा प्रिंस का है नंबर – तीव कुमार सोनी एवं इतेश सोनी

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उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में डाक्टर रूपी यमराज के इलाज से 6 जानवरों की हो चुकी है मौत, अब वन भैंसा प्रिंस का है नंबर – तीव कुमार सोनी एवं इतेश सोनी

मैनपुर | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के उदंती अभ्यारण्य राजकीय पशु वन भैसा के नाम से पुरे देश में विख्यात है लेकिन तेजी से घट रहे वन भैंसों की संख्या चिंता का विषय बनता जा रहा है | परसों रात को उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्वके रेस्क्यू सेंटर में आशा नामक मादा वनभैंसा की मौत हो गई है | तार से घिरे बाड़ा के मुख्य द्वार से लगभग 200 मीटर भीतर जंगल में ट्रेकरो ने आशा को मृत पाकर इसकी सूचना अफसरों को दिया है | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टर आशा का इलाज कर रहे थे इलाज के दौरान ही आशा की मौत हो गयी है | डाक्टरों के इलाज के दौरान वन्य प्राणियों की मौत होने का ये पहला मामला नहीं है इसके पूर्व भी चार वन भैसों और एक हाथी की मौत भी डाक्टरों के द्वारा इलाज के दौरान हुई है | इस प्रकार उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टरो ने इलाज के दौरान 6 दुर्लभ वन्यप्राणीयो  को मार डाला है | सवाल यह उठता है की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के जो डाक्टर है वो डाक्टर है की यमराज है क्योकि उन डाक्टरों ने आज तक जिन जानवरों का भी इलाज किया है वो जानवर ज़िंदा नहीं बचा है, इलाज के दौरान ही जानवरों की मौत हो गयी है | उदंती अभ्यारण्य में एक राजकीय पशु वन भैंसा प्रिंस पिछले एक माह से आंख में गंभीर चोट व संक्रमण बढने के कारण वन भैंसा को ठीक से दिखाई नही देने के कारण चलने फिरने में असमर्थ होता जा रहा है और उसका इलाज भी उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टर कर रहे है | कही ऐसा ना हो की वन भैंसा प्रिंस को भी ये डाक्टर इलाज के दौरान मार डाले |

उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में डाक्टर है की यमराज है जिस जानवर का भी इलाज करते है वो मर जाता है

सवाल यह उठता है की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के जो डाक्टर है वो डाक्टर है की यमराज है क्योकि उन डाक्टरों ने आज तक जिन जानवरों का भी इलाज किया है वो जानवर ज़िंदा नहीं बचा है | जिन जानवरों की मौत डाक्टरों के द्वारा इलाज के इलाज के दौरान हुई है उसका विवरण निम्न है –

(01)  – 2010 के पहले एक वन भैसा बीमार हुआ था जिसका उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टर ने इलाज किया था परन्तु इलाज के दौरान ही वो वन भैसा मर गया था |

(02) – उदंती अभ्यारण्य से एक राजकीय पशु रामू वन भैसा पिछले 05 वर्षो से गायब है | उस समय वन भैसा रामू भी घायल था उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टर के द्वारा उक्त घायल वन भैसे का इलाज किया जा रहा था | अचानक इलाज के दौरान ही वो वन भैसा गायब हो गया था | वास्तविकता यह है की वो वन भैसा गायब नहीं हुआ था बल्कि इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गयी थी बदनामी से बचने के लिए वन विभाग के अधिकारियों ने वन भैसा रामू को वाही जंगल में ही दफना दिया होगा |

(03) – लगभग दो वर्ष पूर्व मैनपुर से महज 03 किलोमीटर दुर बरदूला जंगल के पास एक वन भैंसा की लाश वन विभाग को उसके मृत्यू के चार दिन बाद पता चला था वो वन भैसा भी घायल था उसका इलाज उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टर कर रहे थे | डाकटर के इलाज के बाद वो वन भैसा मर गया था |

(04) – एक वर्ष पहले एक राजकीय पशु वन भैसा जूगाडू घायल हुआ था उसका भी उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टर इलाज कर रहे थे परन्तु इलाज के दौरान ही उक्त वन भैसे की मौत हो गई थी | दो वर्ष के भीतर लगातार दो वन भैसों की मौत और कई वन भैसे के घायल होने की खबर लगातार मुख्यालय तक पहुचती रही है जो वन विभाग द्वारा वन भैसों के सुरक्षा के प्रति किए जा रहे दावों पर प्रश्न चिन्ह और सवाल खडे करते रही है।

(05) – अभी 4 माह पहले हाथियों का दल उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के जंगल में आया था जिसमे से एक हाथी का बच्चा दल से बिछड़ गया था और बीमार हो गया था | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टरों ने उस बीमार हाथी के बच्चे का इलाज किया और हाथी का बच्चा भी मर गया |

(06) – परसों रात को उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्वके रेस्क्यू सेंटर में आशा नामक मादा वनभैंसा की मौत हो गई है | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टर आशा का इलाज कर रहे थे इलाज के दौरान ही आशा की मौत हो गयी है |

(07) – उदंती अभ्यारण्य में एक राजकीय पशु वन भैंसा प्रिंस पिछले एक माह से आंख में गंभीर चोट व संक्रमण है और उसका इलाज भी उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टर कर रहे है | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टर का रिकार्ड देख कर नहीं लगता है की वन भैंसा प्रिंस ज़िंदा बच पायेगा | कही ऐसा ना हो की वन भैंसा प्रिंस को भी ये डाक्टर इलाज के दौरान मार डाले |

         इस प्रकार उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टरों के इलाज किये जाने से उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के जानवरों की लगातार मौत हो रही है | अब सवाल यह उठता है की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के डाक्टर क्या वास्तव में डाक्टर ही है या यमराज के अवतार है जो उनके हाथ लगाते ही जानवर मर जाते है | या फिर वे नाम के डाक्टर है उनको इलाज करना नहीं आता है |

वन भैसों की निगरानी के लिए कालर आई डी लगाना और केयर टेकर रखना केवल दिखावा है

वन भैसांे की सुरक्षा और निगरानी को लेकर लगातार उठता रहा है सवाल उदंती अभ्यारण्य में राजकीय पशु वन भैंसा के संरक्षण और संवर्धन के लिए वन विभाग द्वारा रेस्क्यू सेंटर का निर्माण कर बाडे के भीतर वन भैंसों को रखकर इसका सरंक्षण और संवर्धन किया जा रहा है और लाखो ,करोडो रूपये अब तक खर्च किया जा रहा है और तो और वन भैंसों के गले में कालर  आईडी लगाकर इसकी पल पल की खबर राजधानी में बैठे आला अधिकारियों द्वारा लिया जा रहा है और वन भैसों के सुरक्षा के लिए केयर टेªकर भी नियुक्त किया गया है जो वन भैंसो के गतिविधियों की जानकारी वन अफसरों तक पहुचाते रहते है इसके बावजूद उदंती अभ्यारण्य में वन भैंसों के घायल होने और वन भैसों की इलाज के दौरान मौत होना उनके सुरक्षा को लेकर कई सवाल खडे करती रही है |

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