उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के अधिकारियों ने पत्रकारों को धोखे में रख कर छपवाया ब्लेक पैंथर होने का फर्जी न्यूज, फिर फर्जी न्यूज को आधार बना कर पास करवा लिए 10 करोड़ और खुलेआम किया गया भ्रष्ट्राचार – शिवशंकर सोनपीपरे एवं इतेश सोनी

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उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के अधिकारियों ने पत्रकारों को धोखे में रख कर छपवाया ब्लेक पैंथर होने का फर्जी न्यूज, फिर फर्जी न्यूज को आधार बना कर पास करवा लिए 10 करोड़ और खुलेआम किया गया भ्रष्ट्राचार – शिवशंकर सोनपीपरे एवं इतेश सोनी

रायपुर | मामला छत्तीसगढ़ राज्य के गरियाबंद जिले के अंतर्गत आने वाले उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व से संबंधित है जिसमे उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के अधिकारियों ने पत्रकारों को धोखे में रख कर ब्लेक पैंथर होने का फर्जी न्यूज छपवाया फिर फर्जी न्यूज को आधार बना कर 10 करोड़ का बजट पास करवा लिया गया और खुलेआम भ्रष्ट्राचार किया गया है | जिस समबन्ध में प्रकृति एवं संस्कृति रिसर्च सोसाईटी के डायरेक्टर तीव कुमार सोनी और उसके मीडिया पार्टनर सर्वोच्य छत्तीसगढ़ के प्रधान सम्पादक शिवशंकर सोनपीपरे ने जांच पड़ताल किया तब उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के अधिकारियों के द्वारा किये गए साजिश का खुलासा हुआ है |

जिला प्रशासन गरियाबंद का वेबसाईट जिसमे बाघ और ब्लेक पैंथर का फर्जी फोटो है

मामला 2009 से शुरू होता है जिसमे बाघ होने की झूठी कहानी शासन को बताया गया और 2009 में उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व बनाया गया | उस टाईगर रिजर्व में बाघ होने का कोई भी पुख्ता प्रमाण आज तक नहीं मिल पाया है जबकि बाघ के संरक्षण संवर्धन के नाम पर वन विभाग आज तक लगभग 30 करोड़ रुपया खर्च कर चुका है | बाघ के प्रमाण नहीं मिलने पर शासन और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण – NTCA  ने उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के बजट में भारी कटौती कर दिया है | बजट में कटौती किये जाने पर उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के अधिकारी जल बिन मछली की तरह छटपटाने लगे और फिर शासन व राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण – NTCA  को कई प्रकार के दुर्लभ जीव उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व  में होने की झूठी कहानी बता कर ठग कर बजट हासिल करने की योजना बनाई | इसके लिए मीडिया को हथियार बनाया गया जिसके अंतर्गत पत्रकारों को धोखे में रख कर ब्लेक पैंथर का फर्जी फोटो पत्रकारों को उपलब्ध करा कर उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में ब्लेक पैंथर होने की झूठी कहानी बतायी गयी |

न्यूज छापे जाने के बाद जिला प्रशासन गरियाबंद के वेबसईत्से फर्जी फोटो हटा दिया गया है 

अधिकारियों के द्वारा जानकारी दिये जाने पर पत्रकारों ने उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में ब्लेक पैंथर होने का समाचार बनाया फिर उस समाचार को आधार बना कर अधिकारियों ने शासन व राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण – NTCA  से 10 करोड़ के लगभग बजट पास करा लिया | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के अधिकारियों ने बाघ और ब्लेक पैंथर के संरक्षण संवर्धन के लिए बड़ी लम्बी चौड़ी कहानी शासन व राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण – NTCA   को बताया जिसमे बाघ और ब्लेक पैंथर का रहवास के लिए वातावरण विकसीत करना व उसके भोजन के लिए शाकाहारी पशुओ की संख्या बढ़ाना, शाकाहारी पशुओ के लिए चारागाह विकसीत करना, वन्य प्राणियों के लिए पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नए जल स्रोतों का विकास व भारी संख्या में तालाब बनाना, नदी नालो में स्टाप डैम बना कर वन्य प्राणियों के लिए पानी रोकने की व्यवस्था करना, वन्य प्राणियों की निगरानी व सुरक्षा के लिए वाच टावर – निरिक्षण गृह – सडके – सी सी रोड बनाना, घनघोर जंगल के होते हुए भी जंगलो में पौधारोपड करना, वन्य प्राणियों के उचित रहवास के लिए बाडा निर्माण करना | इस प्रकार सैकड़ो छदम कार्य को करना बता कर करोडो का भ्रष्ट्राचार किया गया | जिस पर प्रकृति एवं संस्कृति रिसर्च सोसाईटी के डायरेक्टर तीव कुमार सोनी और उसके मीडिया पार्टनर सर्वोच्य छत्तीसगढ़ के प्रधान सम्पादक शिवशंकर सोनपीपरे ने जांच पड़ताल किया है | जिसमे पाया गया की बाघ और ब्लेक पैंथर के नाम आर भारस्त्राचारतो किया गया है साथ ही कलेक्टर और शासन को भी फर्जी फोटो और झूठी जानकारी दिया गया है | 

न्यूज जिसमे बाघ और ब्लेक पैंथर का फर्जी फोटो होने की बात प्रकाश में लायी गयी थी 

गरियाबन्द जिला प्रशासन के वेबसाईट में पर्यटन का एक कालम है जिसमे उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व को पर्यटन का स्थान बताया गया है और उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का फोटो होना बता कर तीन फोटो वेबसाईट में डाला गया था । उक्त फोटो में एक फोटो ब्लेक पैंथर का है, एक फोटो बाघ का है और एक फोटो वनभैंसा का पेंटिंग वाला साइन बोर्ड का है । इसमे खास बात यह है कि वन भैसा का पेंटिंग वाला जो साइन बोर्ड है केवल वही उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का असली फोटो है बाकी के बाघ और ब्लैक पैंथर दोनों फोटो फर्जी है , वो दोनों फोटो उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के नही हैं । इस प्रकार गरियाबन्द जिला प्रशासन के द्वारा अन्य स्थान के फोटो को उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का फोटो होना बता कर बाघ और ब्लैक पैंथर का फर्जी फोटो जिले के वेबसाईट में डाल कर वन विभाग के द्वारा जिला प्रशासन और शासन को गुमराह किया गया  है । सर्वोच्य छत्तीसगढ़ के द्वारा बाघ और ब्लेक पैंथर का फोटो फर्जी होने का समाचार बनाए जाने के बाद गरियाबंद कलेक्टर के वेबसाईट से फर्जी फोटो को हटा दिया गया है |

ब्लेक पैन्थर का फर्जी फोटो

इसमे सबसे खास बात यह है कि जिले के वेबसाईट में में बाघ और ब्लैक पैंथर का फ़ोटो तो डाला गया है परंतु उनके संबंध में कोई भी विवरण नही दिया गया केवल वनभैंसा के संबंध में ही पूरा विवरण है कि कितने वन भैसा है, उनका ठिकाना कहा है, कितने मादा कितने नर है पूरा विवरण दिया गया है । परंतु बाघ और ब्लैक पैंथर के बारे में एक शब्द भी नही लिखा गया है । जबकि उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व को स्पेशली बाघ के लिए ही बनाया है इसलिए वेबसाइट में बाघ के संबंध में पूरा विवरण दर्शाया जाना चाहिए कि टाइगर रिजर्व में कितने बाघ है, कितने नर,मादा व शावक है, बाघ का ठिकाना व रूट लोकेशन किस इलाके में है । इस संबंध में उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व डायरेक्टर व डिप्टी डायरेक्टर से पूछा गया तो उन्होंने ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि बाघो की संख्या व लोकेशन के संबंध में अभी कोई प्रमाण नही मिला है । इससे स्पष्ट हो रहा है कि उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में एक भी बाघ नही है और ना ही कोई ब्लेक पैंथर है । फर्जी फोटो के सम्बन्ध में जांच पड़ताल किया गया तो बाघ का जो फोटो है वो मध्यप्रदेश या बिहार क्षेत्र का है तथा ब्लेक पैंथर का फोटो उड़ीसा क्षेत्र का है |

बाघ का फर्जी फोटो

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