सैनिक की जान बचाने को सेना के डॉग ने दे दी कुर्बानी, आतंकियों के छूटे पसीने

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 श्रीनगर

कुत्ते अपनी वफादारी के लिए जाने जाते हैं और फिर सेना के कुत्ते तो देश के प्रति वफादारी निभाने के लिए अपनी जान पर खेल जाते हैं। जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान एक आर्मी डॉग ने अपनी जान की कुर्बानी दे दी। इसका नाम केंट था और यह एक फीमेल लेब्राडोर डॉग था। नारला गांव में आतंकियों से हुई मुठभेड़ के दौरान वह सेना के जवानों के आगे-आगे चल रहा था। आतंकियों की फायरिंग में वह फंस गया और जान चली गई।

अपने हैंडलर जवान की जान बचाने के लिए उसने कुर्बानी दे दी। एक अधिकारी ने बताया, सैनिक भाग रहे आतंकियों का पीछे कर रहे थे। केंट इसमें सबसे आगे था। उधर से गोली चली तो सैनिक को बचाने के चक्कर में वह आगे आ गया। उसे कई गोलियां लगीं और बुरी तरह घायल हो गया। इसके बाद मौके पर ही दम तोड़ दिया। इस मुठभेड़ में एक आतंकवादी मार गिराया गया। वहीं सेना का एक जवान भी शहीद हो गया।

इस मुठभेड़ में पुलिस एसपीओ समेत तीन अन्य जवान घायल हो गए हैं। पुलिस और सुरक्षाबलों को खुफिया एजेंसियों ने आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना दी थी। इसके बाद यह अभियान चलाया गया। बता दें कि जनवरी 2023 में असॉल्ट डॉग जूम को गैलंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गयाथा। उसकी भी एक मुठभेड़ के दौरान मौत हो गई थी।

भारतीय सेना में कुत्तों को स्पेशल ट्रेनिंग में दी जाती है। ये बिना नजर आए आतंकियों की लोकेशन का पता लगा लेते हैं। ये कुत्ते आतंकियों पर हमला भी करने में माहिर होते हैं। सेना के पास लैब्राडोर्स, जर्मन शेफर्ड, बेल्जियम मालिंस माउंटेन स्विस डॉग जैसे कुत्तों की नस्लें मौजूद हैं। सेना के अभियानों में ये बड़ी भूमिका निभाते हैं। बम, बारूदी सुरंग और अन्य संदिग्ध वस्तुओं की तलाश में भी कुत्तों की बड़ी भूमिका होती है। वहीं कई बार ये कुत्ते आने वाले खतरे के प्रति पहले ही सतर्क कर देते हैं।

 

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