मड़वारानी मंदिर में पंचमी से शुरू होगा नवरात्र

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200 साल से चली आ रही परंपरा
कोरबा। गुरूवार को मंदिरों में पंचमी की धूम रही वहीं मड़वारानी मंदिर में पंचमी से शारदीय नवरात्र की शुरूआत हो गई है। पहाड़ पर स्थित इस मंदिर में 200 साल से भी अधिक समय से यह परंपरा चली आ रही। गुरूवार से मन्नती ज्योति कलश जलवाने के लिए भक्तों की कतार लगी रही। क्वांर शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी तक चलने वाली पर्व में 5000 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए है।
शक्ति अनुष्ठान के प्रतीक पर्वतीय क्षेत्र के देवी मंदिरों में मड़वारानी मंदिर का विशेष स्थान है। लाखों श्रद्घालुओं की आस्था का केंद्र देवी मंदिर में पूजा विधान अन्य शक्ति स्थलों से भिन्न है। मड़वारानी एकमात्र मंदिर है जहां नवरात्र के पांचवे दिन से ज्योति कलश प्रज्ज्वलित की जाती है। एकादशी को सप्तमी के तौर पर पूजा होती है। यहां क्वांर नवरात्र में जवारा कलश का विशेष महत्व रहता है। देवी अपनी पांच महाशक्तियों के साथ विराजमान है। त्रयोदशी को नवरात्र संपन्न होने के बाद ही दशहरा पर्व मनाया जाता है। मंदिर परिसर में ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई थी। पहाड़ के ऊपर मंदिर तक पहुंचने के मार्ग को सुगम बनाया गया है। पहाड़ के ऊपर तक वाहन से पहुंचा जा सकता है। पर्व में बढऩे वाली भीड़ को देखते हुए आगामी त्रयोदशी तक वाहनों का ऊपर ले जाना वर्जित कर दिया है। मंदिरों में पूजा आराधना का दौर नवरात्र की शुरूआत से ही हो गई है। दर्शनार्थी श्रद्घालुओं की भीड़ लगातार बढ़ रही है। कतार में लगकर भक्त दर्शन कर रहे हैं। श्रद्घालु भक्तों की माने तो अगाध श्रद्घा लेकर आने वाले हर भक्तों की मुराद माता पूरी करती हैं। आगामी दिनों में ज्योति कलश के अलावा जवारा दर्शन के लिए दर्शनार्थी भक्तों की कतार लगी रहेगी। मंदिर में प्रतिदिन होने वाली आरती पूजा में भक्तों का उत्साह देखा जा रहा है।
सर्वमंगला मंदिर में जगमगा रहे आस्था के दीप
हसदेव नदी के तट पर स्थित मां सर्वमंला मंदिर में शारदेय नवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। यहां 11 हजार से अधिक मनोकामना ज्योतिकलश प्रज्जवलित हुए है, जिसमें घृत ज्योति कलश 1400जबकि तैल्य ज्योति 9600शामिल है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां सर्वमंगला के दर्शन के लिए पहुंच रहे है। सुबह से मंदिर में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जाता है, जो देर रात जारी रहता है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर प्रबंधन द्वारा व्यापक इंतजाम किए गए हैं। मंदिर में सुबह शाम आरती के अलावा भजन, कीर्तन व जसगायन व भंडारे का आयोजन होता है। मां सर्वमंगला देवी का मंगल श्रृंगार प्रतिदिन रात्रि 12 बजे किया जा रहा है। मंदिर के पुजारी नमन पांडेय(नन्हा)महाराज ने बताया कि नवरात्र पर्व 7 अक्टूबर तक चलेगा। सर्वमनोकामना ज्योति कलश का हवन 7 अक्टूबर सोमवार को शाम 4 बजे होगा।

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