त्योहारों के बाद गंगा में बहाईं प्रतिमाएं तो लगेगा 50 हजार रुपये जुर्माना, केंद्र ने राज्यों को जारी किए दिशानिर्देश
नई दिल्ली. केंद्र सरकार (Central Government) ने
त्योहारों (Festivals) के बाद गंगा और उसकी सहायक नदियों (Ganga and
Tributaries) में प्रतिमाएं विसर्जित (Idol Immersion) करने पर रोक लगाने
के लिए 15 सूत्रीय दिशानिर्देश (15-Point Directive) जारी किए हैं. नेशनल
मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) की ओर से जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक, अगर
कोई व्यक्ति गंगा या उसकी सहायक नदी में प्रतिमा विसर्जित करता पाया जाता
है तो उस पर 50,000 रुपये जुर्माना (Fine) लगाया जाएगा. वहीं, राज्य
सरकारों (State Governments) को नदियों के सभी घाटों को बंद करने का
निर्देश भी गया है. केंद्र की ओर से ये दिशानिर्देश उत्तराखंड, उत्तर
प्रदेश, बिहार, दिल्ली, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, मध्य
प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और राजस्थान की सरकारों को भेजे गए हैं.
केंद्र ने नदी किनारे अस्थायी तालाब बनाकर विसर्जन कराने का दिया निर्देश
नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) ने ये दिशानिर्देश पर्यावरण संरक्षण
अधिनियम, 1986 की धारा-5 के तहत जारी किए हैं. इनमें स्पष्ट तौर पर कहा
गया है कि नदियों के तटों (River Banks) और घाटों (Ghats) पर मूर्ति
विसर्जित करने वालों पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाए. साथ ही मूर्ति
विसर्जन के संभावित तटों और घाटों को बेरिकेडिंग के जरिये बंद कर दिया जाए.
राज्य सरकारें गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे अस्थायी तलाबों
(Temporary Ponds) का निर्माण कर मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था करें. इसमें
कहा गया है कि संबंधित राज्य सरकारें, प्राधिकरण, बोर्ड और निगम
मूर्तियां बनाने में सिंथेटिक मैटेरियल, नॉन-बायोडिग्रेडेबल मैटेरियल,
प्लास्टर ऑफ पेरिस, पकी हुई मिट्टी, फाइबर और थर्माकोल के इस्तेमाल पर
रोक सुनिश्चित करें.
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा कराया जाएगा वसूला गया जुर्माना
नेशनल
मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG)ने निर्देश दिया है कि सभी राज्य मूर्तियों
को रंगने के लिए इस्तेमाल होने वाले जहरीले पेंट्स, नॉन-बायोडिग्रेडेबल
केमिकल डाई या सिंथेटिक पेंट के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगाएं. साथ
ही कहा गया है कि राज्यों के मुख्य सचिव (Chief secretary) हर त्योहार
के बाद कार्रवाई रिपोर्ट (Action Takes Report) केंद्र सरकार को सौंपे.
रिपोर्ट तैयार करने के लिए उन्हें सात दिन का समय दिया गया है. वसूला गया
जुर्माना राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास जमा कराया जाए. बता दें कि
देश में गणेश चतुर्थी, दुर्गा पूजा और छठ पूजा के दौरान किए जाने वाले
मूर्ति विसर्जन से नदियों में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है.