पाकिस्तान में हिंदू समुदाय ने अपहरण, अराजकता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया
इस्लामाबाद
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के काश्मोर जिले में हिंदू समुदाय लगातार अराजकता, फिरौती के लिए अपहरण और पीड़ितों को बरामद करने में अधिकारियों की विफलता से काफी परेशान है। काश्मोर में हिंदू व्यापारियों और समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाकर लगातार अपहरण की घटनाओं ने पूरे प्रांत में विरोध प्रदर्शन की लहर पैदा कर दी है।
काश्मोर के हिंदू समुदाय ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने मुख्य सिंधु राजमार्ग को कम से कम 34 घंटे के लिए अवरुद्ध कर दिया, जिससे सिंध प्रांत का सड़क मार्ग बलूचिस्तान और पंजाब से कट गया।
प्रदर्शनकारियों ने स्वतंत्रता और न्याय के लिए नारे लगाए। उन्होंने काश्मोर जिले एवं उसके आसपास समुदाय के अपने प्रियजनों और अन्य लोगों के चल रहे अपहरण के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। ऐसा कहा जा रहा है कि उनका बदमाशों ने फिरौती के लिए अपहरण कर लिया है।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हिंदू व्यापारियों और उनके परिवारों का अपहरण कर लिया गया है और अधिकारियों ने उन्हें बरामद करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है। कश्मोर के हमारे एक हिंदू व्यापारी, उनके बेटे सागर कुमार का अपहरण कर लिया गया है। अब 20 दिन हो गए हैं। हमें अपहरणकर्ताओं द्वारा सागर पर अत्याचार और मारपीट का वीडियो मिला है। वे फिरौती के तौर पर अरबों की मांग कर रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता नारायण दास भील ने पूछा कि हम न्याय मांगने कहां जाएं?
काश्मोर में एक हिंदू व्यापारी आशीष ने कहा कि पिछले दो महीनों के भीतर हिंदू समुदाय के कम से कम 40 लोगों का अपहरण किया गया है। हम कार्रवाई के लिए पुलिस अधिकारियों के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन वे इस मामले से अनभिज्ञ नजर आ रहे हैं। हम, हिंदू समुदाय दशकों से काश्मोर जिले में रह रहे हैं। यहां हमारा कारोबार है और सभी के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं। लेकिन, जबसे हमारे लोगों का फिरौती के लिए अपहरण किया जाने लगा है, हम ऐसे किसी को ढूंढने में असफल रहे हैं जो हमारी बात सुन सके और हमारे प्रियजनों को बचा सके।
काश्मोर में विरोध प्रदर्शन को सिंध प्रांत के मुख्य केंद्र कराची में भी समर्थन मिला है, जहां हिंदू समुदाय, नागरिक समाज और अन्य लोगों के सैकड़ों प्रदर्शनकारी चल रहे अपहरण और प्रांतीय सरकार की विफलता के खिलाफ अपना मजबूत विरोध दर्ज कराने के लिए क्लिफ्टन में “तीन तलवार” चौराहे पर एकत्र हुए।
प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता शीमा किरमानी ने कहा कि हम सागर कुमार के लिए, मुखी जगदेश के लिए, प्रिया कुमारी के लिए, डॉ. मुनीर के लिए और सात साल के छोटे लड़के के लिए न्याय की मांग करते हैं। हम इस अन्याय, इस क्रूरता, हिंदू समुदाय के लक्षित अपहरण का अंत चाहते हैं।
निक्की हेली को लगता है कि वह रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के लिए चुनी जाएंगी: रिपोर्ट
वाशिंगटन
यह कहते हुए कि कोई भी रिपब्लिकन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी साथी कमला हैरिस से बेहतर है, भारतीय-अमेरिकी निक्की हेली ने कहा है कि 2024 के राष्ट्रपति चुनावों के लिए वही रिपब्लिकन उम्मीदवार होंगी।
पिछले महीने के अंत में पहली रिपब्लिकन प्राथमिक बहस से बाहर निकलते हुए, हेली ने सीबीएस न्यूज़ को बताया कि उन्हें नहीं लगता कि पूर्व बॉस डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने जा रहे हैं।
हेली ने ‘फेस द नेशन’ को बताया, “मुझे नहीं लगता कि राष्ट्रपति ट्रंप उम्मीदवार होंगे। मुझे लगता है कि मैं ही उम्मीदवार बनूंगी। लेकिन मैं आपको बताऊंगी कि जो बाइडेन और कमला हैरिस जो कर रहे हैं, उससे कोई भी रिपब्लिकन बेहतर है।”
उन्होंंने कहा, “अमेरिकी लोग किसी सजायाफ्ता अपराधी को वोट नहीं देने जा रहे हैं। अमेरिकी लोग ऐसे व्यक्ति को वोट देने जा रहे हैं जो आम चुनाव जीत सकता है। मुझे अमेरिकी लोगों पर भरोसा है, वे जानते हैं कि उन्हें क्या करने की ज़रूरत है।”
लेकिन दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर ने कहा कि अगर ट्रम्प अंतिम रिपब्लिकन उम्मीदवार के रूप में उभरते हैं, तो वह उनका समर्थन करेंगी, भले ही उन्हें दोषी ठहराया गया हो, उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसी स्थिति की उम्मीद नहीं है।
हेली ने पूर्व राष्ट्र्र्र् रपति के प्रति अपना समर्थन व्य्क्तह करते हुए सीबीएस से कहा, ” दोषी साबित होने तक वह निर्दोष हैं।”
अमेरिकी उपराष्ट्रपति और साथी भारतीय-अमेरिकी के खिलाफ हमला जारी रखते हुए, हेली ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगी कि रिपब्लिकन उम्मीदवार ऐसा हो, जो कमला हैरिस को हरा सके।
हेली ने कहा,”मैं हमेशा रिपब्लिकन उम्मीदवार का समर्थन करूंगी, और मैं यह सुनिश्चित करूंगी कि ऐसे व्यहक्त, का चयन हो जो कमला हैरिस को हराए।”
द वॉल स्ट्रीट जर्नल के नवीनतम जनमत सर्वेक्षण में, हेली ने ट्रम्प और फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस के बाद तीसरा स्थान हासिल किया।
कनाडाई स्कूल ने ‘खालिस्तान जनमत संग्रह’ कार्यक्रम किया रद्द
टोरंटो
कनाडा के एक स्कूल में 10 सितंबर को होने वाला खालिस्तान जनमत संग्रह कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है। पोस्टर पर हथियारों की तस्वीरें को लेेकर स्कूल अथॉरिटी ने यह कदम उठाया। सरे स्कूल डिस्ट्रिक्ट ने घोषणा करते हुुए कहा किउसने ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे शहर में तमनाविस सेकेंडरी स्कूल में होने वाले कार्यक्रम को रद्द कर दिया है क्योंकि बार-बार अनुरोध के बावजूद कार्यक्रम आयोजक “संबंधित छवियों” को हटाने में विफल रहे।
इंडो-कैनेडियन वॉयस वेबसाइट पर प्रकाशित सरे स्कूल डिस्ट्रिक्ट ने एक बयान में कहा कि कार्यक्रम आयोजकों ने समझौते का उल्लंघन किया है, जिसके कारण इसे रद्द करना पड़ा। कार्यक्रम की प्रचार सामग्री में हथियार के पोस्टनरों के साथ हमारे स्कूल की तस्वीरें भी शामिल थीं।
बयान में कहा गया, ” बार-बार प्रयासों के बावजूद कार्यक्रम आयोजक इन संबंधित पोस्ट रों को हटाने में विफल रहे और सामग्री पूरे सरे और सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई।”
पोस्टर में कृपाण (खंजर) के साथ-साथ एक एके-47 भी दिखाई गई है, साथ ही प्रतिबंधित खालिस्तानी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का नाम भी दिखाया गया है, जिसका नेतृत्व गुरपतवंत सिंह पन्नून कर रहा है।
इसमें खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की तस्वीरें भी थी, जिसकी जून में सरे में एक पार्किंग स्थल पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं 1985 एयर इंडिया फ्लाइट बम विस्फोट के मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह परमार की तस्वीरें भी थी।
स्कूल अथॉरिटी ने कहा, “एक स्कूल जिले के रूप में हमारा प्राथमिक मिशन हमारे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सहायता और हमारे स्कूल समुदायों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना है। हमारे समझौते, नीतियां और दिशानिर्देश, हमारे समुदाय के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने का समर्थन करते हैं। हमारी सुविधाओं को लेने वाले किसी भी व्यक्ति को इसका पालन करना होगा।”
स्कूल डिस्ट्रिक्ट ने कहा कि यह निर्णय “किसी भी तरह से किसी भी राजनीतिक स्थिति का समर्थन या आलोचना नहीं है।”
कनाडा में भारतीय राजनयिकों और प्रतिष्ठानों को धमकी देने वाले खालिस्तानी समर्थक पोस्टरों की हालिया उपस्थिति के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है।
एसएफजे के पन्नून ने कनाडा में खालिस्तान तत्वों से 8 सितंबर को वैंकूवर में भारत के वाणिज्य दूतावास को “बंद” करने का आह्वान किया है।