एक शिक्षिका की दबंगई. आखिर क्यों ग्रामीणों ने खोला शिक्षिका के खिलाफ मोर्चा.. पढ़िए पूरी ख़बर..
बालोद…. जिले में बाल सँरक्षण एक्ट का हो रहा है. खुलेआम उलंघन सियनमरा में कार्यरत शिक्षिका रेणू जांगड़े द्वारा अपने स्कुल के छोटे छोटे बच्चों एवं बच्चियों का शारीरिक शोषण विगत कई वर्षों से किया जा रहा था. जिसकी सुचना शाळा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं ग्रामीणों को हुई. जब बच्चियों ने बताया कि मैडम द्वारा हाथ पैर की मालिश कराया जाता है तो. पालकों मे भारी रोष देखा जा सकता था. तभी ग्रामीणों द्वारा फोन से ब्लाक शिक्षा अधिकारी एम एस चौहान सूचना दी गई श्री चौहान द्वारा लिखित शिकायत देने पर उचित कार्यवाही का आश्वाशन दिया गया है. विगत 13 सालों से शिक्षिका रेणू जांगड़े द्वारा बाल सँरक्षण एक्ट का खुलेआम माखौल उड़ाया जा रहा है. बच्चों के द्वारा अपने पालकों को बताये जाने पर कमरे में बंद करके डंडे से बेरहमी से पीटना ये कृत्य अशोभनीय ही नहीँ अमानवीय कृत्य है जिसके विरोध में असंतुष्ट ग्रामीणों में रोष व्याप्त है एवं रेणू जांगड़े को निलंबित करने की मांग कर रही है. वहीं शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष. ने बताया कि. छोटे छोटे बच्चों से इस तरह से कार्य कराया जा रहा था. उक्त बच्ची द्वारा अपने पालक को बताये जाने के बाद. जब पालक ने रेणु मैडम से पूछा तो उग्र हो गई. और बच्चे को ही कमरे में बंद कर डंडे से पीटाई कर दिया गया. जिसकी जानकारी ग्रामीण समिति को दिया गया. तब मामले की जानकारी हुई. इस तरह से बच्चियों पर अत्याचार करने वाली मैडम के ऊपर सख्त कार्रवाई करने की मांग करते हैं. विशेष रिपोर्ट. बालोद से. के. नागे