बालक आदिवासी आश्रम शाला बड़े गोबरा भाटी गढ़ के अधीक्षक की लापरवाही से छात्र की बुखार और खासी से छात्र की जान आफत मे । शिक्षा अधिकारी के लिए मज़ाक बना बच्चो की दुर्दशा – दिलीप नेताम की रीपोर्ट

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बालक आदिवासी आश्रम शाला बड़े गोबरा भाटी गढ़ के अधीक्षक की लापरवाही से छात्र की बुखार और खासी से छात्र की जान आफत मे । शिक्षा अधिकारी के लिए मज़ाक बना बच्चो की दुर्दशा – दिलीप नेताम की रीपोर्

 

*बिंद्रानवागढ़* । मैनपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाला ग्राम भाटिगड़ मे स्थिति आदिवासी बालक शाला आश्रम बड़े गोबरा मे छात्रों की रहन सहन चिकित्सा सुविधा मे कमी है,, शासन द्वारा जो छात्रों को प्रत्येक माह जो छात्रों के खान पान की राशि मिलता है आश्रम की दीवालो की मरमत भी नहो हो पा रही है खिड़कियों पर कुर्सी टेबल के गट्टे लगाकर काम चला रहे आश्रम के अधिकछक दामोदर साय नेगी छात्रों के भविष्य के साँथ खिलवाड़ कर रहे है,,, शुक्रवार समय 03pm दिनांक 25/08/2023 को आश्रम के छात्र ढोलसराई के बबलू उम्र 09 साल विगत दिन गुरुवार को बुखार खासी से तड़फ रहा था,, किसी के द्वारा उन्हें ना पूछ कर बिस्तर पर लिटा दिए थे,, पूछने पर पता चला की यहाँ के आश्रम चपरासी केसु राम निर्मलकर,, को बबलू बताया था की मेरा तबियत ख़राब है,, परन्तु सांकरा निवासी केसु राम निर्मलकर बाल कटवाने गए थे,, आश्रम अधीक्छक दामोदर साय नेगी आश्रम मे अनुपस्थित थे,, रसोईया जवाब दे रहा था,, बच्चों से पानी भरवाया जा रहा था,, आखिर आश्रम अधिछक की मनमानी क्यों बढ़ गयीं है,, कोई भी बबलू की देख रेख करने वाला नहीं था,, चपरासी निर्मलकर से पूछा गया तो कहा की मीतानिन मेडिसिन देकर गये है,, बबलू का बुखार अधिक तेज होने पर गिरवर ठाकुर द्वारा शाला प्रबंध समिति के खेदु राम नेगी से फ़ोन लगाया गया तो वो बोले की मै महासमुंद मे हूँ,, आनन,, फ़ानन बबलू का तबियत ठीक करने के लिए कोई लड़के को भेजा गया,, परन्तु इस बिच,, बबलू को चपरासी और रसोईया के द्वारा मरने व चमकाने लगे की रीपोर्टर लोगो क्यों बताया,, डरा सा सहमा सा रह गया,,

ऐसे ही सभी आश्रमो के बालको को डरा धमका कर रखे है की कोई भी आये तो कुछ भी नहीं बताना कहा गया है ढोलसराई का यह बालक अपने माता पिता को छोड़ कर अपने गुरु के पास आश्रम मे ेएक परिवार के सदस्य की तरह रहने आता है,, हिटलर की तरह बच्चों के मासिक राशि ेएक हजार रूपये जो की करीबन 112 बालक 2018 मे पदस्थआश्रम अधीक्षक दामोदर साय नेगी नेगी आश्रम मे प्रत्येक शिष्या वृति दर प्रति छात्र 1000₹ के दर पर कम ज्यादा बच्चे करकें 1000 के दर पर 05 साल का 100 बच्चे का करीबन 60लाख ₹होता है इस पर भी आश्रम की रोशनदान खिड़किया के सभों दरवाजे टूटी पड़ी है है बड़ी खिड़कियों मे लोहे के दरवाजे के बजाये फर्नीचरो की लखड़ी फ़ीट किया गया है,,, ऊपर से इनके तेवर इतने है की आश्रम के PM है,, इन सब की जाँच पड़ताल के लिए बबलू के इलाज के लिए शिक्षा अधिकारी के पास गये तो ेएक मज़ाक समझें और केवल नेगी को हिदायत दिए,, क्योंकि अधिकारी भी मिले हुवे है,, इस लिये इनके आला अधिकारी के द्वारा जाँच ना होने के बजाय आयुक्त या सहायक आयुक्त द्वारा हो

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