उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में कॉलर आई डी के कारण दम घुटने से हुई वनभैंसे की मौत – तीव कुमार सोनी

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उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में कॉलर आई डी के कारण दम घुटने से हुई वनभैंसे की मौत – तीव कुमार सोनी

मैनपुर । उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के अंतर्गत राजकीय पशु वनभैंसा का संरक्षण संवर्धन किया जा रहा है । वनभैंसे की पल पल की जानकारी के लिए वन भैंसे के गले पर कालर आईडी लगाया गया था । उसी कॉलर आईडी के दुष्प्रभाव के कारण दम घुटने से एक वनभैंसे की मौत हो गई है । जंगलो में विचरण करने वाले इस भैंसे को बुधवार को ही मृत अवस्था में ग्रामीणों ने देख लिया था लेकिन डर के कारण इसकी सूचना किसी ने नहीं दिया गया । जब मृत वन भैंसे के शव से बदबू फैली तो इसकी जानकारी अन्य ग्रामीणों को लगी तब वनविभाग को सूचित किया गया तब वनविभाग के अधिकारी को जानकारी हुआ । मृत वनभैंसा का नाम श्यामू था वनविभाग ने इसके गले मे कॉलर आई डी लगने के बाद निगरानी बेहतर होने का दावा भी किया था जिस पर पशुप्रेमियों ने कॉलर आई डी का दुष्प्रभाव वनभैंसे पर पड़ने की आशंका जता कर कॉलर आई डी नही लगाने का मांग किये थे लेकिन वनविभाग ने किसी की भी बात नही सुनी । कॉलर आईडी लगे इस भैंसे की मौत के 4 दिनों बाद भी विभाग को जानकारी नहीं लग पाना बड़ी लापरवाही को उजागर कर रहा है । 9 नर में से अब केवल 8 बचे है वहीं दो मादा भैंस भी है ।
वहीं श्यामू के मौत से अनभिज्ञ विभाग के एक भी अफसर अभी कुछ कहने से बच रहे है लेकिन यह बात साफ हो गया है कि यहां इनके सुरक्षा के नाम से आई मोटी रकम का केवल बंदरबाट हो रहा है । ज्ञात हो कि अफ्रीका से विशेषज्ञों की टीम यहां चार दिनों का डेरा डाल कर वन भैंसे के गले में कॉलर आईडी लगाए थे, जिसकी कीमत लाखों रुपए बताई जा रही है । लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी वन भैंसे की निगरानी पर सवाल उठना लाजिमी

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