अब उन्होंने हमसे वार्ता का अधिकार खो दिया :- अविमुक्तेश्वरानन्दः

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अब उन्होंने हमसे वार्ता का अधिकार खो दिया :- अविमुक्तेश्वरानन्दः

आज काशी विश्वनाथ मन्दिर के सी.ई.ओ विशाल सिंह  लगभग 12.30 बजे मन्दिर बचाओ आंदोलनम् की अगुवाई कर रहे स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज से मिलने उपवास स्थल शंकराचार्य घाट पर आये । अभी वार्ता आरम्भ ही हुई थी कि वे अचानक स्वामिश्रीः की बातों को पूरा सुने बिना ही उठकर चले गये

वार्तालाप के माध्यम बने विशालाक्षी मन्दिर के महन्थ राजनाथ तिवारी ने स्वामिश्रीः का पक्ष उनके सामने रखा तो विशाल सिंह ने कहा कि यह बहुत बड़ी भ्रान्ति है कि मन्दिरों को तोड़ा जा रहा है और जो भी तोड़ा गया है वह मेरे कार्यकाल में नहीं टूटा है । इस पर स्वामिश्रीः ने अपने उत्तर में कहा कि हम 3 अप्रेल 2018 को प्रमोद विनायक के मन्दिर गये थे और वहां मन्दिर टूटा था , भगवान् महीनों मलबे मे पड़े रहे । इतना सुनते ही विशाल सिंह अचानक उठे और तैश में आकर चल दिए।

महन्थ राजनाथ तिवारी ने उनसे रुकने का बहुत आग्रह किया पर वे उनको भी झटक कर चल दिए । इस घटना पर स्वामिश्रीः ने कहा कि कोई भी अधिकारी आन्दोलन कर रहे लोगों के पास समाधान के लिए वार्ता करने जाता है तो वहाँ पर आन्दोलनरत लोगों की बातों को सुनता है , पर यहाँ पर जिस तरह से विशाल सिंह जी आए और बिना पूरी वार्ता किए उठकर चल दिए इससे हमें यह नहीं लगता कि वे समाधान करने के लिए आए थे । जबकि वे यहाँ पर आए तो हमलोगों ने उनको सम्मानपूर्वक आसन दिया ।

स्वामिश्रीः ने कहा कि अपने इस कृत्य से विशाल सिंह ने अब हमसे वार्ता का अधिकार खो दिया है । अब इस सम्बन्ध में उनसे कोई वार्ता नहीं होगी। लेकिन यदि कोई और अधिकरी काशी के प्राचीन मन्दिरों को बचाने और विकास के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए वार्ता को आएंगे तो हम उसका स्वागत करेंगे।

आशीष कंठले की रिपोर्ट…

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