पाप का साथ न देकर पुण्य के भागीदार बनें।

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पाप का साथ न देकर पुण्य के भागीदार बनें।

हिंदुओं आपको काशी के मंन्दिरों को बचाने हेतु आगे आना होगा नहीं तो भगवान के पास जवाब नहीं दे पाओगे जब भगवान आपसे पूछेंगे की हमारे मंदिर और देवमूर्तियों पर आघात जब हो रहे थे तब आपने हमे मर्त लोक में बचाने हेतु क्या प्रयास किये ? अपने अंतरात्मा में झांकिए और पूछिये की जो काशी में हो रहा है क्या वह सही हो रहा है ? ये भी पूछिये अपने मन से की यदि कोई भी मस्जिद/ गुरुद्वारा/ आदि तोड़े गए होते तो वह कौम क्या उसकी रक्षा नहीं करता। अभी भी समय है , हिंदुओं जागो..जागो..जागो और अपने धर्म की रक्षा करो। जो अपने धर्म की रक्षा के लिए आवाज नहीं उठाता है वो भी एक तरह का पाप करता है। रिश्वत लेने वाले से ज्यादा पापी रिश्वत देने वाला होता है। जब आपके देवस्थान ही नहीं रहेंगे तो आप किस की उपासना करोगे। खुद के दुःख के समय भगवान के सामने झोली फैलाते हो , मन्नत मांगते हो पर जब आपके भगवान पर विपत्ति आती है तब आवाज उठाने से डरते हो। मत बन के रहिए मूक बधिर, जागिये- जगाइए और अपने धर्म , मंदिर, देवताओं को ध्वंश होने से बचाइए। जो विकास मंदिर तोड़वाये वो विकास क्या आपको मंजूर है ? देवताओं के कोप से सभी को बचाने हेतु स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती महाराज अपने श्रीविद्या मठ, केदारघाट, वाराणसी में सर्वदेव कोपहार यज्ञ कर रहे हैं लेकिन आप हो कि आप स्वामिश्री: का खुलकर साथ देने से परहेज कर रहे हो और मंदिरों को बचाने हेतु यज्ञ में आहुति भी नहीं देने आ रहे हो। आपका यह आचरण कितना सही है इसका आंकलन आप स्वयं करके देखोगे तो समझ आएगा कि आप कहाँ खड़े हो।भविष्य आप से जरूर एकदिन जवाब मांगेगा, तब उत्तर ढूंढ नहीं पाओगे। निरुत्तर रहने से अच्छा है उत्तर देने हेतु कार्य करें और परम पिता परमेश्वर का सेवा कर आशीर्वाद प्राप्त करें।

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