निजी क्लीनिक में प्रसूता की हालत बिगड़ी तो सरकारी अस्पताल में कराया भर्ती …

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गरियाबंद
निजी क्लीनिक में प्रसूता की हालत बिगड़ी तो सरकारी अस्पताल में कराया भर्ती
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गरियाबंद (देवभोग)=अपने निजी क्लिनिक में प्रशव कराने के बाद सरकारी चिकित्सक ने प्रसूता की हालत बिगड़ी तो,अस्पताल में भर्ती करवा दिया,गम्भीर हालत में भर्ती प्रसूता के परिजनों से हुए खुलासे के बाद सख्त बीएमओ कारवाही की तैयारी कर रहे हैं।
रविवार की आज सुबह 4 बजे मुरगुड़ा निवासी रत्ना बाई को प्रशव पीड़ा हुई तो पिता भगत राम अन्य परिजनों के साथ देवभोग सरकारी अस्पताल पहुचा,परिजनों के मुताबिक 102 में कॉल करने पर देवभोग 102 में चालक नही होने के जवाब मिलने पर निजी वाहन में लेकर पहुँचे थे,पिता ने बताया कि उस वक़्त अस्ताल में मौजूद कर्मचारी द्वारा फोन से सम्पर्क किया गया,कोई डॉक्टर तो नही आये लेकिन फोन से सम्पर्क करने के बाद संविदा डॉ शैलेष दौरा के टिकरापारा स्थित क्लिनिक लेकर पहुचे।बताया गया कि 1 घण्टे के प्रयास के बाद बेटी जन्म ली।लेकिन प्रसूता की हालत बिगड़ रही थी,परिजनों ने आनन फानन में करीबन 6 30बजे अस्पताल में भर्ती कराया।भर्ती होते ही डॉ अंजू सोनवानी द्वारा उपचार शुरु कर पीड़िता को नॉर्मल स्थिति में ला दिया गया।भर्ती के बाद प्रसव स्थल की जानकारी ,डॉ शैलेश दौरा का घर बताया गया,जिसके बाद बीएमओ ने मामले में पड़ताल शुरु कर दी

बीएमओ ने दी उच्च अधिकारियों को सूचना

बीएमओ सुनील भारती ने बताया कि डॉ दौरा की ड्यटी थी,मेल स्टाफ टीकम सिंह के हवाले बताया गया कि टीकम के द्वारा दौरा को सूचना दिया गया था,उन्हें यंहा आकर प्रशव कराया जाना था,लेकिन उनके द्वारा अपने निवास बुलाकर असुरक्षित प्रशव कराया गया,भारती ने बताया कि मामले में उन्हें नोटिस भेज कर घर पर प्रसव कराने की वैधता व अनुपस्थिति का कारण पूछा जा रहा है।मौके पर मौजूद स्टाफ से मिली जानकारी के हवाले बीएमओ ने बताया कि जिस वक्त प्रसूता यंहा पहुची बेहोस होकर गिर गई थी।खून काफी मात्रा में बह गया था,ब्लड प्रेशर डाउन हो गए थे।गर्भ स्थल के नीचे खून के थक्के जम गये थे,जो कि प्रसूता के लिये जान लेवा साबित हो सकता था।मामले की गम्भीरता को देखते हुए बीएमओ ने उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दे दिया है।।
*पहले भी जारी किया गया है नोटिस*- बीएमओ से मिली जानकारी के मुताबिक सविदा डॉ शैलेश दौरा को निजी परक्टनिशनर को सरकारी संस्था में बुलवा कर डिलवरी एवं अन्य केस में सलग्न करने के मामले में नोटिस भेजा गया है,उस नोटिस में अस्पताल में पहुँचे मरीज या प्रशव पीड़ित के परिजनों को निजी लोगो को शुल्क देने का जिक्र किया गया है,

*102 वाहन से भी पहुचता है डिलवरी केस* बीएमओ ने बताया की इससे पहले भी 27 जून को 102 वाहन में एक प्रशव पीड़िता को सुपेबेड़ा से लाया गया था,जिसे अस्पताल के बजाय दौरा के क्लिनीक में वाहन से पहुचाया गया है,इस मामले की भी जांच बीएमओ ने शुरु कर दिया है।।
डॉ सुनील भारती,बीएमओ- पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर दौरा को नोटिस जारी किया जा रहा है,चुकी ब्यवस्था के आधार पर संविदा डॉ दौरा ड्यूटी के दरम्यान अपने निजी निवास में अस्पताल आई प्रसूता का प्रशव करवाया है जो कि गम्भीर बात है।।

संविदा डॉ शैलेश दौरा, चिकित्सक-मेरी ड्यूटी नही थी,रजिस्टर भी चेक कर लीजिये,गम्भीर स्थिति में पहुची प्रशुता का प्रशव करवाकर मैंने जिम्मेदारी निभाई है,बीएमओ जो कर रहे है,आपसी रंजिश निकालने के लिये कर रहे हैं।।

बीएमओ के नोटिस में संविदा डॉक्टर शैलेश से पूछे 4 सवाल मामला सामने आने के बाद बीएमओ द्वारा संविदा डॉक्टर शैलेश को भेजे जा रहे नोटिस में 4 सवाल पूछे गए हैं उनसे पूछा गया है कि ड्यूटी वक्त में गैरहाजिर क्यों थे प्रसव निजी क्लीनिक में क्यों कराया गया क्या राज्य सरकार से कोई अधिकृत पंजीयन क्लीनिक का है क्लीनिक में वह सारे उपकरण आवश्यक दवा ऑक्सीजन जैसे जरूरी उपकरण मौजूद हैं क्या

आपको बता दें कि 6 माह पहले महिला मीडिया कर्मी से दुर्व्यवहार करने के आरोप में दोनों पक्षों की ओर से देवभोग थाने में मामला पंजीबद्ध किया जा चुका है इस मामले की विभागीय जांच भी चल रही है
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