काशी को देव विहीन होने से बचाइए : अविमुक्तेश्वरानंद:

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काशी को देव विहीन होने से बचाइए : अविमुक्तेश्वरानंद:

सुदीप्तो चटर्जी “खबरीलाल” (काशी) ::- मंदिर बंचाओ महायज्ञ हेतु आमंत्रण यात्रा के 5वें दिन आज 9 जून 2018 को जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि दंडी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती: ने वराणशी जिले के गाँव – घामापुर, सभईपुर, सिकंदरपुर, मधाईपुर, इन्द्रवार, बिरापति, बेदी एवं आयर के गांवासियों को 28 जून से 4 जुलाई तक आयोजित होने वाले महायज्ञ हेतु आमंत्रण किया तथा प्रत्येक गांव वासियों को क्यों एवं किसलिए यह आंदोलन और महायज्ञ करने की जरूरत हुई यह विस्तार पूर्वक बताया।

स्वामिश्री ने गाँव वासियों को बताया कि अभी की केंद्र और राज्य की सरकार हिन्दुत्त्व का चोला पहनकर हिन्दू हितों के पैरोकार बनकर, अयोध्या में रामलला का मंदिर स्थापित करने की बात कहकर सत्ता में आई और सत्ता में आने के पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व का शायद ऐसा कोई देश बचा नहीं होगा जहां का भ्रमण वे न किये हों पर 48 महीने के उनके कार्यकाल में वे आज तक आयोध्या नहीं गए अपितु देव नगरी काशी में विकास के नाम पर पुराणों में वर्णित मंन्दिरों को तोड़वा दिए। गोरखपीठ के महंत एवं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवाधारी होकर भी इस कृत्य को नहीं रोक रहे हैं जबकि पहले वे हिंदुओं की आवाज हुआ करते थे और हिंदुओं के रक्षा हेतु उनकी हिन्दू युवा वाहिनी लड़ती थी। आज कहाँ गए उनकी हिन्दू युवा वाहिनी जब काशी में पुराणों में वर्णित मंदिरों एवं देव विग्रहों को तोड़ दिया गया। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पंचक्रोशी की यात्रा कर रहे हैं जो केवल एक ढोंग है और सदी का सबसे बड़ा ढोंग है।

इस आंदोलन से जुड़े रमेश उपाध्याय, श्रीप्रकाश पांडेय व आदि ने गांव वासियों को अवगत कराते हुए कहा कि काशी में विनाश ने दस्तक दे दिया है। एक समय औरंगजेब ने कहर बरपाया था अब मोदी-योगी बरपा रहे हैं पुराणों में वर्णित मंन्दिरों एवं देव विग्रहों को तोड़कर। यह किस तरह का विकास काशी में हो रहा है। चुनाव के पहले मोदी जी कहते थे मुझे माँ गंगा ने बुलाया है । यदि माँ गंगा ने बुलाया है तो आप और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्यों प्रशासन के द्वारा प्रथम पूज्य देव – गणेश जी, भारत माता मंदिर, व्यास परिवार के राधा कृष्ण मंदिर एवं देव विग्रहों आदि को तोड़ दिए ? कुछ ग्रामों के ग्राम प्रधान और गांव वासियों ने कहा कि यह मोदी-योगी की जोड़ी सदी की सबसे बड़ी भूल किये काशी के पुराणों में वर्णित मंन्दिरों को विकास के नाम पर तोड़कर। स्वामिश्री के साथ साथ इस आंदोलन से जुड़े प्रबुद्ध जनों ने गांव वासियों से कहा कि हम किसी भी पार्टी के विरोधी नहीं हैं। हम अभी के केंद्र तथा राज्य सरकार के आचरण के विरोधी हैं जिनके शय से प्रशासन ने काशी के बाबा विश्वनाथ मंदिर के पास कॉरिडोर, शौचालय, वीआईपी गेस्ट हाउस आदि के निर्माण व विकास के लिए हिंदुओं के दिल और आत्मा पर वार किया है। देश के 100 करोड़ सनातन धर्मी इसके साक्ष्य बने और वे जब एक साथ आवाज उठाएंगे तब मोदी-योगी को जवाब देना भारी पड़ जायेगा।

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