*।। संघर्ष के पहले चरण में लोगों के उपहास का सामना विजेताओं को भी करना पड़ता है-एम एल नत्थानी ।।*
*।। संघर्ष के पहले चरण में लोगों के उपहास का सामना विजेताओं को भी करना पड़ता है-एम एल नत्थानी ।।*
आज संस्था “युवा” के संडे स्पेशल क्लास के मुख्य अतिथि के रूप में श्री एम एल नत्थानी, पूर्व असिस्टेंट कमिश्नर, स्टेट जीएसटी, रायपुर थे।
कार्यक्रम के शुरूआत में युवा सदस्यों ने मुख्य अतिथि का स्वागत शॉल, श्रीफ़ल, सूत का माला और पुष्प गुच्छ से किया।
इसके उपरांत युवा के संस्थापक श्री एम राजीव ने मुख्य अतिथि श्री एम एल नत्थानी का परिचय देते हुए बताया कि लोग सरकारी नौकरी से रिटायरमेंट के बाद अपने को जीवन से रिटायर हुआ मान लेते हैं, लेकिन इसके विपरीत श्री एम एल नत्थानी ने सरकारी ने जीएसटी विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद अपने जीवन के 67 वें वर्ष में पोस्टग्रेजुएशन की पढ़ाई में एडमिशन लिया और आज 71 वर्ष की आयु में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में अतिथि व्याख्याता के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
मुख्य अतिथि के आसंदी से बोलते हुए श्री एम एल नत्थानी ने युवा सदस्यों को कहा कि बिना संघर्ष के जीवन में कोई सफलता प्राप्त नहीं होती है और प्रत्येक सफल व्यक्ति को जीवन में संघर्ष के चार चरणों से गुजरना पड़ता है। पहले चरण में लोगों के उपहास का सामना करना पड़ता है। दूसरे चरण में लोगों की अस्वीकृति मिलती है। तीसरे चरण में लोगों की अहमियत मिलने लगती है और चौथे चरण में व्यक्ति को समाज से सम्मान और पुरस्कार प्राप्त होते हैं। ठीक इसी तरह से उनके स्वयं के जीवन में भी हुआ, जब वे शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद पोस्टग्रेजुएशन में एडमिशन के लिए गए तो पहले परिवार के लोगों ने विरोध किया कि वे आराम करने की बजाय क्यों अब पढ़ाई करना चाहतें हैं, इससे क्या फायदा होगा? वहीं दूसरी ओर उन्हें यूनिवर्सिटी के एडमिशन क्लर्क ने भी झिड़की लगाई। लेकिन आज उनके सैकड़ों शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं और उनके पच्चीस से ज़्यादा विभिन्न विषयों पर पुस्तकों का प्रकाशन हुआ है। अब उनके घर में सम्मान और पुरस्कार को रखने के लिए जगह की कमी पड़ रही है। उन्होंने युवा सदस्यों को भी कहा कि उन्हें भी लोगों के आलोचनाओं की परवाह किए बगैर अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जी जान लगा देना चाहिए और जीवन में सफलता हासिल करने के बाद यही लोग आपकी प्रशंसा में कोई कमी नहीं करेंगे।
उन्होंने युवा सदस्यों को जोर देकर कहा कि माता पिता और गुरुजनों के आशीर्वाद के बिना जीवन में सफलता हासिल करना संभव नहीं है। अतः प्रत्येक छात्र अपने बड़ों को सम्मान करते हुए उनके सीख के अनुसार आचरण करे।
कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन करते हुए युवा की वरिष्ठ सदस्य सुश्री आरती यादव ने कहा कि आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सही मायनों में लिविंग लीजेंड हैं और जिन्होंने 40 वर्षों के शासकीय सेवा के उपरांत शिक्षा जगत में कदम रखने के बाद इस उम्र में भी अनवरत कार्य कर रहें हैं। उन्हें इस बात की खुशी है कि श्री नत्थानी ने अपने निज प्रयासों से पं.रवि शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में सिंधी भाषा में स्नातकोत्तर कोर्स के लिए सिलेबस भी तैयार किया।
कार्यक्रम में युवा सदस्यों के अलावा अन्य महाविद्यालय से आए छात्र और सिंधी समाज के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।