गरियाबंद कलेक्टर के पत्रों को कचरा के डब्बा में फेक देते है एसडीएम और सीईओ | आम जनता के मामलो में नहीं किया जाता है कोई सुनवाई , कार्यालय के चक्कर काट काट कर पीड़ित हो रहे है परेशान |  

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गरियाबंद कलेक्टर के पत्रों को कचरा के डब्बा में फेक देते है एसडीएम और सीईओ | आम जनता के मामलो में नहीं किया जाता है कोई सुनवाई , कार्यालय के चक्कर काट काट कर पीड़ित हो रहे है परेशान |  

रायपुर | गरियाबंद जिले में पीड़ित  आम जनता समस्याओं के निराकरण के लिए गरियाबंद के कलेक्टर को आवेदन प्रस्तुत करते है  जिस पर आम जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए कलेक्टर के द्वारा मामलो को एसडीएम और सीईओ के पास भेजा जाता है परन्तु एसडीएम और सीईओ के द्वारा गरियाबंद कलेक्टर के पत्रों को कचरा के डब्बा में फेक दिया जाता है और कोई भी कार्यवाही नहीं किया जाता है | एसडीएम और सीईओ के द्वारा आम जनता के मामलो में कोई भी सुनवाई नहीं किया जा रहा है आम जनता एसडीएम और सीईओ के कार्यालय के चक्कर काट काट कर भरी परेशान हो रहे है |  गरियाबंद कलेक्टर के द्वारा विगत कई वर्षो से आम जनता की समस्या और शिकायत के मामलो को एसडीएम और सीईओ के पास भेजे गए है परन्तु एसडीएम और सीईओ के द्वारा कलेक्टर के पत्रों को कचरे के डिब्बे में फेक दिया गया है | पीड़ित जनता कलेक्टर के पत्रों को साथ लेकर एसडीएम और सीईओ के पास जाते है और समस्या की सुनवाई करने का निवेदन करते है परन्तु एसडीएम और सीईओ के कार्यालय के द्वारा बताया जाता है की कलेक्टर से कोई भी पत्र नहीं मिला है | जिसके बाद पीड़ित जनता कलेक्टर कार्यालय जा कर पतासाजी करते है तब कलेक्टर कार्यालय के द्वारा बताया जाता है की वहा से एसडीएम और सीईओ के कार्यालय में पत्र भेजा गया है | पीड़ित जनता फिर से एसडीएम और सीईओ के कार्यालय में पतासाजी करते है तो एसडीएम और सीईओ के कार्यालय के द्वारा बताया जाता है की कलेक्टर से कोई भी पत्र नहीं मिला है | इस प्रकार एसडीएम और सीईओ के कार्यालय में भरी संख्या में कलेक्टर के द्वारा ज्ञापन पत्र भेजा गया है परन्तु एसडीएम और सीईओ के द्वारा कलेक्टर के पत्रों को कचरे के डिब्बे में फेक दिया गया है कोई भी कार्यवाही नहीं किया गया है |

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