योग हमारी प्राचीन संस्कृति है, जिससे तन और मन दोनों स्वस्थ रहते है…
योग हमारी प्राचीन संस्कृति है जिससे तन और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य योग आयोग द्वारा आयोजित तीन दिन व्यापी राष्ट्रीय योग महोत्सव का आज पं दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में रायपुर सांसद रमेश बैस के मुख्य आतिथ्य तथा विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रमेश मोदी के अध्यक्षता में विधिवत शुभारंभ हुआ विशिष्ट अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ के लोकायुक्त एस. एन. श्रीवास्तव, पं रवि शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ केसरीलाल वर्मा, समाजसेवी डॉ अश्मिता सिंह, छत्तीसगढ़ युवा आयोग के अध्यक्ष कमलचंद भंजदेव, ब्रह्माकुमारी आश्रम की कमला दीदी, युधिष्ठिर महाराज, बीज निगम के अध्यक्ष श्याम बैस, पाठ्य पुस्तक निगम की अध्यक्षा लता उसेंडी तथा वन विकास निगम के अध्यक्ष उपस्थित हुए। सर्व प्रथम राष्ट्रीय गान गया गया तथा भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित उपस्थित अतिथियों द्वारा किया गया। योग आयोग के अध्यक्ष संजय अग्रवाल, सचिव एम.एल. पांडेय, सदस्य डॉ रवि श्रीवास ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
योग आयोग के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि हमारे संवेदनशील मुख्यमंत्री चाहते थे छत्तीसगढ़ में लोग योग कर स्वस्थ-व्यस्त-मस्त रहे जिस हेतु हिंदुस्तान का पहला राज्य छत्तीसगढ़ है जहां उन्होंने योग आयोग की स्थापना की और उनकी मंशा है कि भारत की प्राचीन संस्कृति का अभ्यास कर छत्तीसगढ़ वासी स्वस्थ जीवन व्यतीत करें। लोकायुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा कि नियत कर्म को करना ही योग है और जो फल की प्राप्ति होती है वह अमृत है।आज के समय का नियत कर्म यही है कि योग के माध्यम से निरोगी रहना। पं रवि शंकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ केसरी लाल वर्मा ने कहा कि तन मन की सुचिता के लिए योग बहुत महत्त्वपूर्ण है। इससे हम एक आदर्श समाज का निर्माण कर सकते हैं। प्राचीन ऋषि मुनियों द्वारा जो शिक्षा दी गई है यदि वह शिक्ष सभी ग्रहण करे तो भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता। डॉ भगवंत सिंह ने कहा कि योग वह विधा है जो तरह तरह के ऊर्जा से हटकर एक अलग ही उर्जा है। योग विधा संजीवनी है तथा योग एक समग्र साधना पद्धति है। साथ ही उन्होंने कहा कि धन का प्रभाव, धन के अभाव से कहीं ज्यादा घातक होता है। उन्होंने साधना मूलक समाज बनाने पर जोर दिया। ब्रह्माकुमारी आश्रम की कमला दीदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमे वह योग साधना करनी चाहिए जो समाज मे स्वच्छ चरित्र का निर्माण करे। आगे उन्होंने कहा कि आज के समय मे चरित्र गया तो कुछ नहीं गया पर धन गया तो सब गया। अध्यक्षता की आसंदी से बोलते हुए रमेश मोदी ने कहा योग माने जोड़ना। सबसे पहले हमें अपने आपको जोड़ना होगा, यदि ऐसा नहीं करेंगे तो आगे नहीं बढ़ पाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि योग एक ऐसा माध्यम है जिससे हम अपने मन पर नियंत्रण पा सकते हैं। मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए सांसद रमेश बैस ने कहा कि योग के लिए मन की एकाग्रता जरूरी है। पहले तंत्र का युग था, मंत्र का युग था पर अब यंत्र का जमाना है। इसी यंत्र रूपी मनुष्य को यदि चलायमान रहना है तो उन्हें प्रतिदिन योग अभ्यास करना होगा।
शुभारंभ सत्र के अंत मे योग आयोग के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने सभी विशिष्ठ जनों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया तथा उपस्थित सभी के साथ साथ रायपुर वासियों से आग्रह किया कि वे इस तीन दिन व्यापी राष्ट्रीय योग महोत्सव में जरूर पधारें तथा यहां उपस्थित होने वाले नाड़ी वैध, आयुर्वेदाचार्य, नेचुरोपैथी आदि का निःशुल्क लाभ उठाएं। उक्त जानकारी इस महोत्सव के मीडिया प्रभारी सुदीप्तो चटर्जी ने विज्ञप्ति जारी कर के दिया तथा सभी से इस महोत्सव का लाभ उठाने हेतु आग्रह किया।