*एथेनाल प्लांट बंद करने आंदोलन का 47वा दिन* *विधायक के वायदा खिलाफी से नाराज आंदोलनकारी विधायक कार्यालय में धरना में बैठेंगे*

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*एथेनाल प्लांट बंद करने आंदोलन का 47वा दिन*

*विधायक के वायदा खिलाफी से नाराज आंदोलनकारी विधायक कार्यालय में धरना में बैठेंगे*

 

 

आज तक ना शासन ना प्रशासन ने इन आंदोलन करियों से कभी यह जानकारी लेने का प्रयास नहीं किया की आप लोगो की मांग क्या है …?अथवा आप क्या चाहते हैं…? ना ही इस दिशा में कोई कार्यवाही की गई है।इसके कारण आंदोलनकारी में रोष व्याप्त है ।आंदोलनकारी लगातार अपने आंदोलन को तेज करने के लिए धर्म गुरुओं ,सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों से आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु संपर्क कर रहे हैं ।इसी कड़ी में कबीर आश्रम दामाखेड़ा के धर्मगुरु से संपर्क किया गया है।तथा सतनाम समाज के धर्मगुरु से लगातार आशीर्वाद लेने संपर्क किया जा रहा है ।साथ ही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के विधायक श्री तुलेश्वर मरकाम से भी समय लिया गया है। जैसे-जैसे आंदोलन की तिथि बढ़ती जा रही है वैसे वैसे ही आंदोलन तेज होते जा रहा है। पंचायत द्वारा जो प्रस्ताव पारित किए गए हैं उसकी कॉपी क्षेत्रीय विधायक को भी दिया गया है।तथा इथेनॉल कंपनी को जो एन ओ सी दी गई है और इसमें जो मनमानी और अनियमितता की गई है।उसकी जानकारी दी गई है लेकिन इसके बावजूद विधायक का इस दिशा पर कोई कार्यवाही नहीं करना समझ के परे है।जबकि दीपेश साहू ने पथर्रा के कर्मा मंदिर प्रांगण में घोषणा की थी प्लांट को किसी भी स्थिति में नहीं खुलने नहीं देंगे। यदि इसके बाद भी प्लांट खुलेगा तो वो रोड में ही सो जाएंगे। विधायक के इसी वायदा खिलाफी को लेकर वहां के महिलाएं बहुत ही ज्यादा आक्रोशित है ।आज जनादेश मिलने के बाद भी विधायक अपना वायदा निभाने से क्यों पीछे हट रहे हैं।आज हमे बदहाल धरना में बैठा कर वो स्वयं अपने घर में आराम से बैठ कर चैन की बंसी बजा रहे है। इसी तरह दीपेश साहू ने इस प्लांट के विरोध में न्यायालय में याचिका दायर करने के लिए चार माह का वेतन देने की घोषणा पथर्रा के बैठक जो की कर्मा मंदिर प्रांगण में 21 सितंबर 2022 को आयोजित की गई थी वहां पर की थी।उसका भी अब तक उन्होंने ने पालन नहीं किया है।क्षेत्र की जनता अब विधायक के वादा खिलाफी और उनकी घोषणा याद दिलाने उनके निवास में जाकर धरना देने के बारे में गंभीरता से विचार कर रही है।क्योंकि इस समस्या का हाल निकलना विधायक आखिर हमारी समस्या का समाधान करना उनकी जिम्मेदारी है और सत्ता पक्ष के विधायक होने के कारण ये और ज्यादा जरूरी हो जाता है।जिसका निराकरण विधायक ही कर सकते हैं ।आंचल की जनता को विधायक की करनी और कथनी के फर्क की असलियत समझ आ चुकी है।इस क्षेत्र की जनता अब इस प्लांट से होने वाली बदबू और प्रदूषण के प्रति ज्यादा जागरूक हो चुकी है और इसे क्षेत्र का प्रत्येक व्यक्ति अपनी समस्या समझने लगा है जिसके कारण आंदोलन स्थल में लगातार आसपास के लोगों का समर्थनबढ़ने के कारण लगातार आंदोलन स्थल पर किसानो की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। जनता समझ नहीं पा रही है कि आखिर क्यों सरकार उद्योगपति को लाभ पहुंचाने के लिए हमारी हवा पानी और जमीन को बर्बाद करने पर तुली हुई है ।और हमे भूमिहीन और कृषि व्यवसाय को छीन कर रोजगार देने की बात कर रही है ।हमने कभी सरकार से रोजगार की मांग नहीं की है। सरकार उद्योगपति को रोजगार दे रही है ।जो यहां से धन अर्जन कर अपना घर भर रही है ।सरकार इतनी बेबस और लाचार क्यों नजर आ रही है।यही कारण है कि आज तक इस आंदोलन स्थल पर शासन का कोई भी प्रतिनिधि नहीं आया है हैं क्या शासन धृतराष्ट्र और प्रशासन गांधारी का अभिनय करना चाह रही है। जो उद्योगपति के मुंह में कृषकों के साथ अत्याचार करने जा रहे हैं ।इन सब बातों को लेकर आंचल की जनता में जबरदस्त आक्रोश है आंदोलनकारी लगातार विभिन्न संगठन से संपर्क कर रहे हैं। न्यायालय तथा एनजीटी में भी अपनी बात को रखने की तैयारी में है ।

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