*राहुल गांधी कठघरे में हैं, कठघरे से बाहर नहीं- भाजपा* *सिर्फ सजा पर रोक लगी है, बरी नहीं हुए हैं* *राहुल हों या भूपेश, किसी को भी मानहानि करने की छूट नहीं मिलेगी*

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रिपोर्ट:-नागेश्वर मोरे जिला संवाददाता गरियाबंद

 

 

*राहुल गांधी कठघरे में हैं, कठघरे से बाहर नहीं- भाजपा*

 

*सिर्फ सजा पर रोक लगी है, बरी नहीं हुए हैं*

 

*राहुल हों या भूपेश, किसी को भी मानहानि करने की छूट नहीं मिलेगी*

 

 

गरियाबंद :- छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मानहानि के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी सजा पर रोक जरूर लगाई है लेकिन उन्हें बरी नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि राहुल गांधी ने मोदी पर जो बयान दिया है, यह सरासर गलत है। ऐसे बयान नेताओं को नहीं देना चाहिए।सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है की पूरी सुनवाई तक केवल सजा पर रोक लगाई गई है। स्पष्ट है कि अभी राहुल गांधी दोष से बरी नहीं हुए हैं। कांग्रेस के लोग जो बयान बाजी कर रहे हैं, मोहब्बत की दुकान जैसी बातें कर रहे हैं, यह समझ से परे है कि सेना के पराक्रम पर सवाल करना राहुल गांधी की कौन सी मोहब्बत है? पिछड़े वर्ग के लोगों का अपमान करना राहुल गांधी की कौन सी मोहब्बत है? विदेश में जाकर वह भारत को बदनाम करते हैं, यह कैसी मोहब्बत है। राहुल गांधी कठघरे में हैं, कठघरे से बाहर नहीं हैं।

 

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर कहा कि एक चार्जशीटेड मुख्यमंत्री अपने नेता को दोषमुक्त समझ रहे हैं। वे तथ्यों को समझने की कोशिश करें कि उनके नेता दोषमुक्त नहीं हुए हैं। न्याय की जीत तो होगी ही, राहुल ने जिन पिछड़े वर्गों का अपमान किया है, उन्हें न्याय अवश्य मिलेगा। भारत लोकतांत्रिक राष्ट्र है। यहां किसी को किसी के अपमान की इजाजत नहीं दी जा सकती। चाहे वे राहुल गांधी हों या फिर सीडी वाले भूपेश बघेल।

 

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कहा कि पहली बात यह कि राहुल गाँधी न तो दोषमुक्त हुए हैं और न ही उनके बयान को सही माना गया है। फिर, यह कांग्रेस की कैसी जीत है? सुप्रीम कोर्ट ने मामला भी ख़त्म नहीं किया है। पूरी सुनवाई होने तक सजा को बस स्टे किया है। इसलिए यह स्पष्ट है कि राहुल गाँधी ‘मोदी सरनेम’ मानहानि केस में दोषी हैं।

कोर्ट में राहुल गाँधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम ‘Alleged’ रिमार्क्स को भी चैलेन्ज कर रहे हैं जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा है कि राहुल गाँधी ने जो भी बोला, उसे ‘गुड टेस्ट’ में नहीं लिया जा सकता। स्पष्ट है कि राहुल गाँधी का बयान गलत है जिसे सर्वोच्च अदालत ने भी माना है। कांग्रेस के नेता बोल रहे हैं कि यह मुहब्बत की जीत है। क्या पिछड़ों को गाली देना मुहब्बत है? राहुल गाँधी एक हैबिचुअल ऑफेंडर हैं। वे लगातार नफरत भरी बात करते हैं। कभी पिछड़े समाज को गाली देते हैं, कभी देश को विदेशी धरती पर बदनाम करते हैं, कभी आरएसएस को गाली देते हैं, कभी देश में ही नॉर्थ-साउथ के बीच नफरत की दीवार पैदा करते हैं। यह एक सच्चाई है कि राहुल गाँधी के बयान से देश के करोड़ों पिछड़ों को गहरा आघात लगा है।

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