*अनुसूचित जनजाति वर्ग में पुनः बहाल करने मानिकपुरी पनिका/पनका समाज का सयुंक्त मोर्चा तत्वाधान पर बैठक सम्पन्न,मानिकपुरी पनिका समाज का प्रादेशिक बैठक संपन्न,आदिवासी मुद्दे को लेकर की गई चर्चा*
*अनुसूचित जनजाति वर्ग में पुनः बहाल करने मानिकपुरी पनिका/पनका समाज का सयुंक्त मोर्चा तत्वाधान पर बैठक सम्पन्न,मानिकपुरी पनिका समाज का प्रादेशिक बैठक संपन्न,आदिवासी मुद्दे को लेकर की गई चर्चा*
रायपुर – मानिकपुरी पनिका समाज छत्तीसगढ़ का प्रादेशिक बैठक प्रमोद गुरु बालापीरधाम महादेव घाट पर डॉ देवधर महंत वरिष्ठ सरक्षक मानिकपुरी पनिका समाज पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय मानिकपुरी पनिका समाज की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
बता दें कि मानिकपुरी पनिका समाज अविभाजित मध्यप्रदेश में सन् 1971 के पूर्व आदिवासी मे था। आज भी मध्यप्रदेश के दस जिलों मे पनिका समाज अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आता है। सन् 1971 के बाद से पनिका समाज पिछड़ा वर्ग मे आ गया। जबकि आज भी मध्यप्रदेश के दस जिले में पनिका समाज अनुसूचित जनजाति में है। दस जिलों को छोड़कर बाकी जिले मे पिछड़ा वर्ग मे आना कहीं न कहीं शासन प्रशासन की अनदेखी कहें या पनिका समाज राजनीति दंश का शिकार हो गया जिसे आज तक भुगत रहा है। छत्तीसगढ़ जब अस्तित्व में आया तब कांग्रेस की जोगी सरकार से उम्मीद थी कि पनिका समाज को अवश्य रूप से आदिवासी की श्रेणी में शामिल किया जायेगा लेकिन नहीं किया गया। भारतीय जनता पार्टी ने 15 वर्षों तक सत्ता में काबिज रहा लेकिन पनिका समाज के संबंध में सुध नहीं ली। छत्तीसगढ़ में पनिका समाज एकजुटता की ओर अग्रसर है। बालापीरधाम महादेव घाट के बैठक में अपने विचारों को साझा करते हुए देवधर महंत ने सामाजिक गतिविधियों एवं विकास को लेकर बहुत सारी बातों को समाज के सामने रखा।राजस्व अधिकारी रहते हुए देवधर महंत ने पूरे देश का भ्रमण किया और समाज को एकरूपता में लाने भरसक प्रयास किया। पनिका समाज महासमिति के राष्ट्रीय महासचिव डॉ फुलदास महंत ने कहा कि आदिवासी मुद्दे को लेकर विगत चार दशकों से हम प्रयास कर रहे हैं लेकिन हमें सफलता नहीं मिल पाई है,जिसका मुख्य कारण है सामाजिक एकता का अभाव, सामाजिक एकता व विकास के लिये लगातार संघर्ष कर रहे हैं। ओमप्रकाश मानिकपुरी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अपनी अपनी बातों को विनम्रतापूर्वक रखें और समाज हित में कार्य करें। आदिवासी मुद्दे को लेकर बैठक रखा गया है। एकता में शक्ति है। प्रदेश महासचिव प्रकाश दास मानिकपुरी ने बैठक का संचालन करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ के सभी सांसदों से मिलकर समर्थन पत्र प्राप्त करें तो सफलता जरूर मिलेगी। लेकिन उसके पहले मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अवगत कराना आवश्यक है।विजय दास महंत ने अशासकीय संकल्प जो विधान सभा में पारित हुआ है उसे केबिनेट की बैठक में ध्वनिमत से पारित कराना आवश्यक होगा।सत्यप्रकाश मानिकपुरी निर्वाचन अधिकारी ने विधायक विनय जायसवाल का आभार जताया कि पनिका समाज के आदिवासी मुद्दे को विधानसभा में रखा। गोकुल मानिकपुरी प्रदेश उपाध्यक्ष,प्रदेश संगठन प्रभारी गजानंद कुलदीप,लोकनाथ केवड़ा प्रदेश कोषाध्यक्ष, सेवक दास दीवान जिलाध्यक्ष महासमुन्द, प्रदेश प्रवक्ता मनोज मानिकपुरी,शरण दास, श्रीमती शांति महंत प्रदेश अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ, गुलाब दीवान प्रदेश अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ, पी डी माणिक प्रभारी बिलासपुर, जगदीश दास राजन प्रभारी रायपुर,मोतीदास मानिकपुरी संभागीय अध्यक्ष रायपुर सहित सभी लोगों ने अपने अपने विचारों को रखा। उपस्थित सभी सामाजिक जनों ने एक स्वर में कहा कि अभी नहीं तो कभी नहीं। एकजुटता के साथ विधानसभा के साथ ही दिल्ली लोकसभा, राजसभा सदन तक पनिका समाज की आवाज को बुलंद करें।
किसी भी समुदाय को अनुसूचित जनजातियों में शामिल करने की प्रक्रिया
उल्लेखनीय है कि जातियों को एस टी की सूची में शामिल करने की प्रक्रिया संबंधित राज्य सरकार की सिफारिश से प्रारंभ होती है।जिसे बाद में जनजातीय मामलों के मंत्रालय को भेजा जाता है जो समीक्षा करता है और अनुमोदन के लिए भारत के महापंजीयक को इसे प्रेषित करता है।
बैठक में सभी आवश्यक विषयों पर चर्चा की गई और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल , डॉ चरणदास महंत विधानसभा अध्यक्ष से समाज का प्रतिनिधि मंडल मुलाकात कर सदन में पारित कराने निवेदन किया जायेगा। बैठक का संचालन प्रकाश दास मानिकपुरी प्रदेश महासचिव ने किया और प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश मानिकपुरी सभी सामाजिक जनों का आभार जताया।
उक्त अवसर पर श्रीमती वेदमती महंत भिलाई, सुनीता मानिकपुरी बिलासपुर, नेमीदास सरजाल प्रदेश सचिव युवा प्रकोष्ठ , लोकेश मानिकपुरी प्रदेश सचिव युवा प्रकोष्ठ ,पुरुषोत्तम दास संगठन प्रभारी युवा प्रकोष्ठ , सुरेश मानिकपुरी संभाग अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ , लोकेश दास संभाग उपाध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ के अलावा आमिन मातायें, युवा साथी उपस्थित रहे।