शासन की महत्वाकांक्षी योजना रीपा से जुड़कर स्व सहायता समूह की महिलाएं बढ़ रही आत्मनिर्भरता की ओर

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✍️रिपोर्ट:- नागेश्वर मोरे जिला संवाददाता सर्वोच्य छत्तीसगढ़ न्यूज़ गरियाबंद

 

शासन की महत्वाकांक्षी योजना रीपा से जुड़कर स्व सहायता समूह की महिलाएं बढ़ रही आत्मनिर्भरता की ओर

 

देवभोग:- राज्य शासन की महत्वकांक्षी योजना रीपा से जुड़कर स्व- सहायता समूह की महिलाएं बढ़ रही आत्मनिर्भरता की ओर, राज्य शासन की महत्वकांक्षी योजना रीपा योजना से मिले आर्थिक संबल से विभिन्न रोजगार मूलक गतिविधियाँ भी संचालित की जा रही हैं। समूह की महिलाएं घर के नज़दीक स्व-रोजगार प्राप्त करके घर खर्च मे अपना योगदान दे रही हैं। जिला मुख्यालय गरियाबंद से करीब 119  किलोमीटर की दूरी पर देवभोग विकासखंड में ग्राम पंचायत कदलीमुड़ा    की स्व-सहायता समूह की दीदीयो ने शासन की रीपा योजना का लाभ उठाते हुए मशरूम की बड़ी, साबुन, डिटर्जेंट पाउडर  व अन्य कार्य किया जा रहा है।

शासन की इस महती योजना के बारे में जानकारी देते हुए कार्यक्रम अधिकारी शिवकुमार नारंगे ने कहा कि ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने एवं लघु उद्योग स्थापित करने हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा ग्रामीण औद्योगिक पार्क योजना प्रारंभ किया गया है। राज्य सरकार द्वारा छोटे-छोटे उद्योग धंधों के लिए रीपा में पानी, बिजली, जमीन जैसी सभी जरूरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। रीपा के माध्यम से गांव के लोगों को जरूरी वस्तुएं भी आस पास उपलब्ध हो रही है, जिसके कारण अब यहां के लोगों को दूर बड़े नगरों का चक्कर नहीं काटना पड़ रहा है उत्पादों की अच्छी गुणवत्ता के कारण आसपास के व्यापारियों व थोक मूल्य में विक्रय करने वाले छोटे छोटे व्यापारियों के आर्डर मिलना शुरू हो गया है। व्यवसायिक गतिविधियों को रीपा से जोड़कर संरक्षित करने के साथ ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम भी किया जा रहा है जिससे स्थानीय स्तर पर वृहद गतिविधियां संचालित होने से लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार भी प्राप्त हो रहे हैं । पहले महिलायें घर मे खेती-बाड़ी का काम किया करती थीं जिसमे जगह की समस्या और पैसे की कमी होती थी। बड़ी कठिनाई से माह मे 2 से 3 हजार रूपये तक का आय ही हो पाता था। रीपा योजना से जुड़ने के बाद उन्हें वार्किंग शेड और भवन प्राप्त हुआ जिससे उनके कार्य का विस्तार बड़े स्तर पर हुआ। अधिक सुविधाएँ प्राप्त होने के कारण उनकी आय में तेजी से वृध्दि हो रही है। यहां की बनाई वस्तुओं की मांग भी बहुत है, कमाई से प्राप्त राशि से घर के बर्तन और बच्चों की पढ़ाई मे पैसा का उपयोग किया जाता है।

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