अमलीपदर को हराकर हरदीभाटा की टीम ने जीता सरनाबहाल रात्रिकालीन क्रिकेट प्रतियोगिता का खिताब, मुख्य अतिथि लोकेंद्र सिंह कोमर्रा के हाथों दिया गया पुरस्कार
✍️ रिपोर्ट:- नागेश्वर मोरे जिला संवाददाता सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ गरियाबंद ✍️
अमलीपदर को हराकर हरदीभाटा की टीम ने जीता सरनाबहाल रात्रिकालीन क्रिकेट प्रतियोगिता का खिताब, मुख्य अतिथि लोकेंद्र सिंह कोमर्रा के हाथों दिया गया पुरस्कार
देवभोग:- सरनाबहाल रात्रिकालीन क्रिकेट प्रतियोगिता में हरदीभाठा टीम बना विजेता,पुरस्कार वितरण कर मुख्य अतिथि लोकेंद्र कोमर्रा बोले खेल केवल मनोरंजन के साधन नही लोकाचार व भाईचारा भी सीखाता है।
विगत दो दिनों से आयोजित सरनाबहाल रात्रिकालीन क्रिकेट प्रतियोगिता का बीती रात समापन हुआ।फाइनल मैच हरदीभाटा व अमलीपदर के बीच खेला गया, जिसमें हरदीभाठा ने कड़े व रोमांचक मुकाबले में अमलीपदर को हराकर ट्रॉफी पर कब्जा किया। विजेता टीम को मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे श्री लोकेंद्र सिंह कोमर्रा राष्ट्रीय महासचिव अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा के हाथों 31 हजार नगद व ट्रॉफी भेंट किया गया। वही उपविजेता अमलीपदर टीम को 21 हजार नगद व ट्रॉफी भेंट किया गया। मैन ऑफ द मैच दीपक यादव हरदीभाठा एवं मैन ऑफ द सीरीज का खिताब कुलेश श्रीवास को दिया गया। पुरस्कार वितरण से पहले युवा मंच सरनाबहाल ने मुख्य अतिथि कोमर्रा का बाजे गाजे के साथ भव्य स्वागत किया गया। श्री कोमर्रा ने पुरुस्कार वितरण करते हुए क्रिकेट प्रशंसकों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल केवल मनोरंजन का माध्यम नही होता,इसके जरिए खेल भावना, लोकाचार, भाईचारा की भी हमे सीख मिलती है। दुरस्त अंचल में हुए इस आयोजन के लिए कोमर्रा ने सरनाबहाल युवा मंच की प्रशंसा किया। मैन ऑफ द मैच दीपक यादव हरदीभाठा और मैन ऑफ द सिरिज कुलेश श्रीवास अमलीपदर बने।
फाइनल में आए मुख्य अतिथि श्री लोकेंद्र कोमर्रा राष्ट्रीय महासचिव अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा ने ग्रामीण प्रतिभा को लगातार बढ़ावा दे रहे है। श्री कोमर्रा देवभोग व मैनपुर ब्लॉक के नगरीय व दूरस्थ गांव में आयोजित होने वाले क्रिकेट के आयोजन में पहुंच कर ग्रामीण प्रतिभाओं का उत्साह वर्धन कर रहे है।आदिवासी अंचलों में होने वाले प्रत्येक आयोजनों में भाग लेकर प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक व सामाजिक स्तर पर अपना योगदान दे रहे हैं। लोकेंद्र ने कहा कि शहरी चका चौंध के बीच ग्रामीण प्रतिभा खोते जा रही है,उन्हे एक सशक्त माध्यम दिलाकर उनकी प्रतिभा को निखार लाने मेरी कोशिश रहेगी। अपने पुराने दिनों को याद कर भाऊक होकर कहा कि पिछड़े अंचल को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए और ज्यादा मेहनत करने की आवश्कता है।