10 मई को जनता ने ठानी कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार अगर ई .वी एम. मशीन में नही हुआ कोई छेड़छाड़……

0
Spread the love

रायपुर–बात दे कि कर्नाटक 2023 का चुनाव कांग्रेस, भाजपा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। क्योंकि आने वाला समय पांच राज्यो का चुनाव होना है। कर्नाटक का इलेक्शन कांग्रेस या भाजपा जीतती है। तो यही सबसे बड़ा मेसेज जाएगा कि इस समय भारत वर्ष में चल क्या रहा है। जनता किससे परेशान है।

बात करते है इलेक्शन 2023 कर्नाटक की तो जेडीएस , कांग्रेस ,भाजपा प्रमुखतः मैदान में है।

अभी हाल में ही कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से पहले बीजेपी में नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला लगातार जारी है. अब तक कुल आठ बड़े बीजेपी नेता पार्टी छोड़ चुके हैं, वहीं कई वरिष्ठ नेता बीजेपी से नाराज हैं और आने वाले वक्त में पार्टी छोड़ सकते हैं. इन्हीं नाराज नेताओं की लिस्ट में सबसे ऊपर नाम है पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता जगदीश शेट्टार का.

पिछले दिनों में बीजेपी से आठ बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस और जेडीएम का दामन थाम लिया है. नेताओं का लगातार बीजेपी छोड़कर दूसरी पार्टियों में शामिल होना उसके लिए घातक साबित हो सकता है क्योंकि पार्टी छोड़ने वाले नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधायक-एमएलसी तक शामिल हैं.

 

इन नेताओं ने छोड़ी बीजेपी

विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को ताजा झटका देते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने 14 अप्रैल को कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. इससे पहले बीजेपी छोड़ने वाले नेताओं में पूर्व विधायक डीपी नारीबोल, मौजूदा विधायक एमपी कुमारस्वामी, मौजूदा विधायक रामप्पा लमानी, मौजूदा विधायक गुली हटी शेखर, मौजूदा एमएलसी शंकर आर, वर्तमान मंत्री एस अंगारा और बीएस येदियुरप्पा के करीबी डॉक्टर विश्वनाथ शामिल हैं.

विधायक एमपी कुमारस्वामी ने किया आगाह

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए टिकट ना मिलने से नाराज बीजेपी नेता और मुडिगेरे से तीन बार के विधायक एमपी कुमारस्वामी ने 13 अप्रैल को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. कुमारस्वामी ने पार्टी छोड़ने के बाद बीजेपी को आगाह किया कि सीटी रवि कर्नाटक में बीजेपी को समाप्त कर देंगे. कुमारस्वामी ने कहा कि अगर बीजेपी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा एक सप्ताह के लिए अपना फोन बंद कर देते हैं तो पार्टी 50 सीटें भी नहीं जीत पाएगी.

लिंगयात का नेता यदुरप्पा है। जो खुद नही चाहते कि भाजपा आये

लिंगायत सम्प्रदाय भगवान शिव जो कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश, चराचर जगत के उत्पत्ति के कारक हैं उनकी स्तुति आराधना करता है। आप अन्य शब्दों में इन्हें शैव संप्रदाय को मानने वाले अनुयायी कह सकते हैं। इस सम्प्रदाय की स्थापना 12वीं शताब्दी में महात्मा बसवण्णां ने की थी। इस मत के उपासक लिंगायत

वहीं, आर शंकर बीजेपी छोड़ चुके हैं. पिछले दिनों आर शंकर के घर पर कमर्शियल टैक्स विभाग ने रेड मारी थी. बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए एक महीने से कम का समय बचा है और बीजेपी में टिकट को लेकर घमासान मचा है. बीजेपी ने कर्नाटक के बंदरगाह और अंतर्देशीय परिवहन विभाग के मंत्री अंगारा एस का टिकट कैंसल कर दिया है, जिस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए राजनीति से संन्यास लेने और पार्टी के लिए प्रचार ना करने का ऐलान कर दिया.

अगर जनता ऐसे विचार बना रही है तो कर्नाटक के इलेक्शन में 2023 में कुल सीट 224 में

कांग्रेस की 150 सीट निश्चित लग रहा है लेकिन जैसा अभी कर्नाटक की जनता का माहौल है। अगर ये निष्पक्ष चुनाव हुआ तो … संभव है।

 

अगर ईवीएम मे छेड़छाड़ नही हुआ तो….कांग्रेस बाजी मार सकती है।

, भाजपा 50 से 80 सीट
सीट
और जेडीएस 15 से 25 में न सिमट जाए …

 

कर्नाटक से शिवशंकर सोनपिपरे की रिपोर्ट…..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed