देवभोग एसडीएम के बाबू व सिंचाई विभाग के अमिन पटवारी पर लगा घूसखोरी का आरोप
देवभोग एसडीएम के बाबू व सिंचाई विभाग के अमिन पटवारी पर लगा घूसखोरी का आरोप
देवभोग:- छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जहां किसान हितैषी किसान पुत्र के नाम से जाने जा रहे हैं वहां उनके शासनकाल में सरकारी कर्मचारी द्वारा आदिवासी किसानों से घूस लेने का मामला सामने आया है। देवभोग में पदस्थ एसडीएम कार्यालय के बाबू शांतनु बांधे एवं जल संसाधन विभाग के अमीन पटवारी पुरेंद्र कुर्रे द्वारा किसानों से पट्टे देने के एवज में 20 से 30 हजार रुपये प्रति पट्टे के तौर पर घूस लेने की बात सामने आ रही है। मामला देवभोग के डूमरबाहाल पंचायत के आश्रित ग्राम मानकीगुड़ा के किसानों का है, जंहा जल संसाधन विभाग द्वारा स्वीकृत केनाल निर्माण में किसानों की जमीन ली गई व उसके एवज में मुआवजा राशि भी प्रदान किया गया किंतु प्रक्रिया स्वरूप किसानों के जमा किए गए पट्टे व रिकॉर्ड सुधार हेतु किसानों से 20 से 30 हजार रुपये का मांग कर महीनों से चक्कर पे चक्कर कटवाया जा रहा है, जिनमें से कुछ किसान ऐसे भी मिले जिनसे पट्टे देने के एवज में घूस लिया जा चूका हैं जिन किसानों ने पट्टे के एवज में राशि दिए हैं उनमें से भजन मांझी, राजीम मांझी, चितरु मांझी, ईश्वर मांझी, गुनधर मांझी, गिरधर मांझी, हरि सिंह मांझी, हरि सिंह धुर्वा, लेबानो मांझी एवं जिन किसानों ने पैसा नहीं दिया एवं पट्टा जप्त है उनमें है राजू राम यादव, वरुण सिंह मांझी, दुर्जन मांझी जैसे किसानों का नाम सामने आया है। ना जाने कितने गांव के किसानों का जमीन नहर में चला गया और ना जाने कितने किसान इन घूसखोर बेईमान कर्मचारियों के शिकार हुए हैं, उसकी भी जानकारी मिलना अभी बाकी है।
पीड़ित किसानों ने मीडिया से अपना दुख दर्द साझा करते हुए कहा कि सर हम महीनों से एसडीएम कार्यालय देवभोग का चक्कर काट रहे हैं, कभी बांधे बाबू कहते हैं कुर्रे के पास जाओ, फिर कुर्रे के पास जाओ तो कहते हैं कि बांधे के पास जाओ । यही सिलसिला हमारे साथ महीनों से चला आ रहा है । जब सुबह से शाम होने की बारी आती है तो हमें अंदर बुला कर पैसे का मांग किया जाता है, घूस लेने के लिए केलकुलेटर में राशि की मात्रा अंकित कर दिखाया जाता है, जिसमें मांग की राशि 20 से 30 हजार का होता है जिसे हम दे पाने में असमर्थ हैं, आज पर्यंत ना हमारा रिकॉर्ड सुधारा गया और ना ही हमारा पट्टा हमें वापस किया जा रहा है और कुछ ऐसे भी किसान हैं जिन्होंने राशि घूस के रूप में देकर अपना पट्टा वापस ले चुके हैं।
देवभोग की जनता सालों से विकास को तरस रहा है और ऊपर से घूसखोर अधिकारियों का मार भी झेलता आ रहा है। जनता के टैक्स पेयर से वेतन लेने वाले जनता के सेवक ही जब भक्षक बन जाते हैं तब प्रशासनिक सिस्टम से जनता का भरोसा उठ जाता है। इस तरह के घृणित कार्य को अंजाम देने वाले अधिकारी को सरकारी कुर्सी में बैठने का कोई अधिकार नहीं है। इन्हें जरा सा भी शर्म नहीं की जिन किसानो ने अपने पुरखों का जमीन खोया उन किसानों से भी घुस के रूप में 20 से 30 हजार रुपये की मांग करना कहीं ना कहीं अमानवीय चेहरे को दर्शाता है। किसानों से शिकायत के विषय में बात किया गया तो उन्होंने कहा कि शिकायत किस अधिकारी से करें जिस अधिकारी के नीचे के कर्मचारी ही घूसखोर हो बेईमान हो वह हमारे शिकायत को गंभीरता पूर्वक क्यों लेंगे इसलिए हम पत्रकारों के माध्यम से किसान कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष के नाम से शिकायत पत्र के रूप में ज्ञापन सौंप रहे हैं। किसानों दोनों कर्मचारियों को देवभोग से बहार का रास्ता दिखाने व जल्द रिकॉर्ड सुधार कर पट्टा वापस करने व घुस के रूप में दिए गये राशि की मांग की है अन्यथा उग्र आंदोलन कर एसडीएम कार्यालय का घेराव किया जायेगा