कोरोना के 10 केस मिलने से देवभोग में मचा हड़कंप, कस्तूरबा विद्यालय में स्वीपर समेत तीन छात्राएं पॉजिटिव*
रिपोर्ट:- नागेश्वर मोरे जिला संवाददाता सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ गरियाबंद
*कोरोना के 10 केस मिलने से देवभोग में मचा हड़कंप, कस्तूरबा विद्यालय में स्वीपर समेत तीन छात्राएं पॉजिटिव*
*गरियाबंद:-* छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे। वहीं गरियाबंद जिले के देवभोग कस्तूरबा विद्यालय के स्वीपर और 3 छात्राओं की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है, तथा आज देवभोग में मिले कोरोना के 10 नए मरीजों के साथ एक्टिव मरीजों की संख्या 11 पहुंच गई है।
मंगलवार देर रात देवभोग ब्लॉक के माड़ागांव में एक महिला के कोरोना मरीज की पुष्टि एमएमआई ने किया था। आज सुबह बीएमओ सुनील रेड्डी ने कोटेक्ट ट्रेसिंग के अलावा अस्पताल में उपचार कराने वाले मरीजों की कोरोना जांच शुरू की। रात 8 बजे तक 150 लोगों की जांच हुई थी, जिसमें 10 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले।
डॉक्टर रेड्डी के मुताबिक मांड़ागाव में 3, झाखरपारा में 4 व देवभोग के 4 लोगों को मिलाकर अब तक देवभोग ब्लॉक में 11 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसमें पुरुष की संख्या 7 व महिला की संख्या 4 है। इसमें बच्चो की संख्या 5 है, जांच में कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में कार्यरत एक कर्मी भी पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग व कस्तूरबा विद्यालय में जांच शुरू हुए तो वहां 3 छात्राएं पाॅजिटिव मिली।
छात्राओं में थे सामान्य लक्षण:- बीएमओ सुनील रेड्डी ने बताया कि पॉजिटिव पाए गए दो लोगों में जुकाम के व एक बच्चे में बुखार के लक्षण थे, बाकी 5 में कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे।
डॉक्टर सुनील रेड्डी ने कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने व भीड़ से बचने की अपील की है, उन्होंने कहा कि अस्पताल आने वाले सभी मरीज का रोजाना अब जांच कराई जाएगी, जिनमें लक्षण नजर आ रहे हैं उन्हे भी कोरोना जांच कराने की अपील की जाएगी।
बारिश थमते ही मौसमी बीमारी के मरीज बढ़े
10 दिन पहले हुई बारिश के बाद अचानक बढ़ी गर्मी से सामान्य सर्दी जुकाम के अलावा दस्त के मरीज बढ़ गए हैं। भर्ती कर उपचार कराने वालों की संख्या भी बढ़ी है। अस्पताल के सभी 20 बेड फूल हो गए थे। हालात ऐसी की बैंच पर लिटाकर ड्रिप चढ़ाना पड़ रहा था। रोजाना 100 मरीज सरकारी अस्पताल पहुंच रहे थे तो इतने ही रोज निजी क्लिनिकों में जा रहे हैं। मौसमी बीमारी के बीच कोरोना की दस्तक ने अस्पताल प्रबंधन के साथ पीड़ितों की चिंता बढ़ा दी है। सुबह 11 बजे कोरोना की पुष्टि होने के बाद अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या घट गई है। ऐसे में अगर संक्रमित लोग जांच से पीछे हटे तो सामान्य लोगों की परेशानी जाएगी।