मंदिरों की शहादत की शर्तों पर विकास मंजूर नही- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

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मंदिरों की शहादत की शर्तों पर विकास मंजूर नहीं -स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती काशी में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में कारिडोर के बहाने परिसर के पौराणिक महत्व की मंदिरों को ध्वस्त किये जाने से व्यथित हैं।  अब वह सनातन संस्कृति की सल्तनत को बचाने के लिए कमर कस चुके है।  केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ में पहुंचे बीएचयू के न्यूरोलाजिस्ट से तोडकर फेकी गई।  मुर्तियों  को दिखाते हुये फफक पडे।  फिलहाल मठ के बीटुकों  द्वारा विश्वनाथ परिसर में ध्वस्त किये गये मंदिरों के विग्रहो का विधि विधान से पूजा किया जा रहा है। इस बाबत  स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि  हम विकास के विरोधी  नहीं है लेकिन पौराणिक मंदिरो को विध्वंस करके और काशी की पहचान को मिटाकर क्षद्म विकास से हिंदू समाज मर्माहत है  । उन्होने काशी की मंदिरों को बचाने के लिए लोगो का आह्वान करते हुये यह भी कहा कि  श्रीकाशी विश्वनाथ कारिडोर के बहाने नियम विरुद्ध मकानों को खरीदकर सरकार क्रय किये गये भवनों में  सैकड़ों वर्ष पुरानी और जिन विग्रहो का प्रमाण शास्त्रो में है उन मंदिरों में स्थापित देव विग्रहो को तोडकर फेंक दिया गया है।  वैसे सरकार और सलाहकारों  को यह भी पता होना चाहिए कि किसी भी मंदिर को बेचना और खरीदना कानूनन अवैध है।शास्त्ररो के अनुसार यदि विग्रह खंडित हो जाते है तो उस स्थान की पूजा का विधान है।

सुदीप्तो चटर्जी….

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