भारत जोड़ो यात्रा के पश्चात कांग्रेस ने चलाया हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा, इस यात्रा के तहत कार्यकर्ता घर-घर पंहुचाएगी राहुल की चिठ्ठी* *रिपोर्ट:- नागेश्वर मोरे जिला संवाददाता सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ गरियाबंद*
*भारत जोड़ो यात्रा के पश्चात कांग्रेस ने चलाया हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा, इस यात्रा के तहत कार्यकर्ता घर-घर पंहुचाएगी राहुल की चिठ्ठी*
*रिपोर्ट:- नागेश्वर मोरे जिला संवाददाता सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ गरियाबंद
*देवभोग:-**कांग्रेस की देशभर में चल रही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद देवभोग ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के द्वारा 26 जनवरी से *हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा* शुरू किया। *युवा कांग्रेसी नेता आशीष पांडे एवं उमेश डोंगरे के नेतृत्व में यात्रा* तुवासमाल से होते हुए गोहरापदर पहुंची फिर दरलीपारा होते हुए लाटापारा तक पद यात्रा कि गई। इस यात्रा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक पत्र को घर-घर तक पहुंचाया गया। राहुल के पत्र में ‘स्वर्णिम भारत’ का वादा किया गया है। इसमें महंगाई, रोजगार और उद्यमों पर जोर देने की बात कही जा रही है। पत्र में राहुल गांधी ने लिखा है कि मैं सड़क से लेकर संसद तक प्रतिदिन इन बुराइयों के खिलाफ लड़ूंगा। मैं एक ऐसा भारत बनाने के लिए दृढसंकल्पित हूं जहां हर भारतीय के पास सामाजिक खुशहाली के साथ आर्थिक समृद्धि के समान अवसर हों। राहुल गांधी ने लिखा है कि कांग्रेस परिवार पिछले 137 वर्षों से भारत की प्रगति के लिए समर्पित है। कांग्रेस ने हर मुश्किल समय में भारत को जोड़ने का काम किया है। आज फिर भारत एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है। कांग्रेस ने हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू किया है। आप इस अभियान का हिस्सा बनकर एक ऐसे स्वर्णिम भारत के निर्माण में हमारा साथ दें, जहां हर भारतीय के पास सपने देखने और उसे पूरा करने के समान अवसर उपलब्ध हों।राहुल ने लिखा है कि वर्तमान स्थिति में देश गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। युवा बेरोजगार हैं और महंगाई आसमान छू रही है। किसान कर्ज के बोझ तले दबा है, सारी संपत्ति चंद उद्योगपतियों के कब्जे में है, कुछ विभाजनकारी ताकतें हमारी विविधता की ताकत को हमारे खिलाफ इस्तेमाल कर रही हैं और एक धर्म को दूसरे धर्म से, एक जाति को दूसरी जाति से, एक राज्य को दूसरे राज्य से लड़ाया जा रहा है। राहुल गांधी ने लिखा है, ये विभाजनकारी ताकतें जानती हैं कि दिलों में असुरक्षा और डर पैदा कर वे समाज में नफरत के बीज बो सकते हैं। इस यात्रा ने मुझे विश्वास दिया है कि नफरत की राजनीति की अपनी सीमाएं हैं। यह ज्यादा दिन तक नहीं चल सकती।