एनटीसीए ने उदंती के बाघ के सबूत को माना फर्जी | एनटीसीए ने उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के बाघ रिपोर्ट को रोका | उदंती का बाघ फर्जी होने का रिसर्चर तीव कुमार सोनी ने भारत सरकार को किया था शिकायत |
रायपुर | उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में बाघ का सबूत फर्जी होने का रिसर्चर तीव कुमार सोनी का रिसर्च सही सिद्ध हुआ है | एनटीसीए ने उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के बाघ के सबूत को फर्जी माना है और उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के बाघों की रिपोर्ट को रोक दिया है | इसके साथ ही एनटीसीए ने वन विभाग को चेतावनी दिया है की उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में बाघ होने का पुख्ता सबूत वन विभाग नहीं दे पाया तो उदंती का नाम टाईगर रिजर्व की सूचि से नाम हटा दिया जाएगा |
वन विभाग ने अक्टूबर 2022 में उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में ट्रैप कैमरे में बाघों का फोटो आने का दावा किया था और प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सभी समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित करवाया साथ ही राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) को भी बाघों की रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया था |जिसके बाद रिसर्चर तीव कुमार सोनी ने भारत सरकार , वन मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) को शिकायत कर बताया था की उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के बाघ के सबूत फर्जी है वन विभाग के द्वारा बाघ का फर्जी फोटो , फर्जी मल , फर्जी पंजा बनाया गया है | शिकायत पर आतंरिक परिक्षण किया गया और उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के बाघ के सबूत को सही नहीं माना गया है और बाघ के रिपोर्ट को रोक दिया गया है |
रिपोर्ट क्यों रुकी इस बारे में दैनिक भास्कर ने पड़ताल की तो खुलासा हुआ कि एनटीसीए ने टाइगर रिजर्व उदंती-सीतानदी में बाघों की गणना रिपोर्ट पर खासी आपत्ति जताई है। इन्वेस्टिगेशन में यह बात सामने आई कि 1,800 वर्ग किमी में फैले इस रिजर्व में बाघों की गिनती के मामले में वन विभाग ने अवैधानिक कार्यप्रणाली अपनाया है और नियम विरुद्ध कार्य करते हुए सारे प्रोटोकाॅल का ही उल्लंघन कर दिया है | जिन कर्मचारियों से जंगल में कैमरे लगवाए गए वे प्रशिक्षित नहीं थे और ना ही कभी बाघ का पंजा , मल देखे है | केवल दिखावे के लिए कैमरे लगाए। इन्हें सही जगह, ऊंचाई और दिशा में नहीं लगाया। सिर्फ 100 कैमरे को पर्याप्त नहीं माना गया | 25 दिनों तक कैमरे लगाकर रखने थे लेकिन औपचारिका पूरा कर इन्हें 10 से 12 दिन में निकाल दिया गया। जो कैमरे लगाए गए |
रिसर्चर तीव कुमार सोनी के शिकायत को सही पाया गया है जिस वजह से एनटीसीए ने उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के बाघों के आंकड़े को खारिज करते हुए उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के बाघों की रिपोर्ट को रोक दिया है | इसके साथ ही एनटीसीए ने वन विभाग को चेतावनी दिया है की उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में बाघ होने का पुख्ता सबूत वन विभाग नहीं दे पाया तो उदंती का नाम टाईगर रिजर्व की सूचि से नाम हटा दिया जाएगा |
:इनका क्या कहना है :
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में बाघ का फर्जी फोटो , फर्जी मल , फर्जी पंजा बनाया गया है भारत सरकार , वन मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) को शिकायत कर बताया था – रिसर्चर तीव कुमार सोनी
सर्वे के लिए कैमरे 25 दिन लगाने होते हैं। कुछ जगहों पर 25 दिन तक नहीं लग पाए और पूरा क्षेत्र कवर नहीं हो पाया। इसलिए एनटीसीए ने दोबारा ट्रेपिंग करने के लिए कहा है – पीवी नरसिम्हा राव, पीसीसीएफ-वाइल्ड लाइफ
गणना प्रोटोकाॅल का पालन करने दोबारा स्टाफ को ट्रेनिंग देकर कैमरे लगवा रहे हैं। अचानकमार से अतिरिक्त कैमरे लिए जा रहे हैं। पूरी कोशिश है कि इस बार पूरा एरिया कवर करें – वरुण जैन, डीएफओ-उदंती सीतानदी रिजर्व