मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को अनुसूचित जनजाति शामिल करने को लेकर सौंपा ज्ञापन,  प्रदेशभर में पनिका समाज लगातार अनुसूचित जनजाति    बहाल करने को लेकर एकजुटता प्रदर्शित करते नजर आ रहे है ,,,

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रायपुर.. पनिका समाज को आदिवासी वर्ग में फिर शामिल करने मांग को लेकर जिला कलेक्टर को मुख्य मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे है मानिकपुरी पनिका समाज को अनुसूचित जनजाति वर्ग से 1971 से पूर्व पृथक किए जाने की निंदा की गई। समाज के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने समाज को आदिवासी वर्ग में शामिल करने की मांग रखी। 

 मानिकपुरी पनिका समाज का कहना है कि भारत के राजपत्र की अनुसूची 37 में मध्य बरार प्रांत व मध्यप्रदेश गठन के बाद अनुसूची 47 में पनिका जाति को अनुसूचित जनजाति वर्ग में रखा गया था, लेकिन बिना किसी पूर्व सुनवाई व पक्ष जाने बगैर 1971 में प्रकाशित सूची से पनिका जाति को आदिवासी वर्ग से हटाकर अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में शामिल कर दिया गया। इसके बाद से लगातार आदिवासी वर्ग में शामिल करने की मांग राज्य सरकार के अनुसंधान विभाग में लंबित है। जिससे पनिका समाज आहत है। 

पनिका जाति अविभाजित मध्यप्रदेश में 1971 के पूर्व अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल था ,जिसकी पुष्टि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति संबंधी जारी सूची के सरल क्रमांक 39 से की जा सकती है , जिसे तत्कालीन राज्य सरकार ने दिनांक 8 दिसम्बर 1971 के बाद से पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में लाया गया जो राज्य सरकार की दुर्भाग्यपूर्ण कार्यवाही है जिसके फलस्वरूप इस जाति के सामाजिक जनो का विकास उत्थान एवं प्रगति पूरी तरह बाधित है यह इसलिए की अविभाजित मध्यप्रदेश के मात्र 8 जिलो में यह जाति जहाँ अनुसूचीत जनजाति की श्रेणी में शामिल है वही छत्तीसगढ़ राज्य के सम्पूर्ण जिलो में में पिछड़ा वर्ग में शामिल है ,जबकि किसी भी जाति में फेरबदल अथवा हटाने का अधिकार भारतीय संसद को होता है । ऐसी विसंगति की वजह से प्रदेश की लाखों बेटियां मध्य प्रदेश में विवाह होकर जाती है तब उनके जाति संबंधी प्रकरणों में अनेक तरह की कठिनाओ का इन्हें सामना करना पड़ता है जो राज्य सरकार द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी महत्त्वपूर्ण योजना को भी प्रभावित करता है इसी तरह स्वभाविक रूप से मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के इस जाति के परिवार जनों के बीच सामाजिक व पारिवारिक सदभाव के साथ उनके धर्म और संस्कृति भी प्रभावित हो रही है ।

गौरतलब है,की छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 20 विधायक का अनुशंसा सहित पनिका समाज के स्वाजातीय बंधुओ को अनुसूचित जन जाति में शामिल करने की मांग की जा चुकी है पर अब तक केंद्र व राज्य सरकार की इस मौन धारण कर चुप्पी साधे बैठे है 

आपको बता दे कि राज्य के अलग अलग जिले से रायपुर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा गया जिसमें पनिका समाज के  

मानिकपुरी पनिका समाज के 

प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश मानिकपुरी महासचिव प्रकाश दास मानिकपुरी 

प्रकाश साकत , मोनू , सूरज राजकुमार , बलराम , धनीराम , लखन , तीरथ ,इंद्रपाल , राम प्रसाद ,राम जी , नवीन , सेलू , कमलेश परेवा , माया , पुष्पा मोंगरे , अनिता सोनवानी, लक्ष्मी पनरिया , उज्ज्वल , दिव्यांश साकत,स्मिथ, चन्द्र , तारा बाई , सुनीता ,सागर, भूमि, राधिका , प्रेमी , प्रेमलता ,गिरजा , पूजा , आरती , नेहा ,ज्योति , मीरा , साक्षी , कमलनारायण , आयशा ,यश , परिधि ,तन्नू रानी , किरण , शंकर नारायण, पार्वती , संजू , कौशल , घनश्याम सैकड़ो की संख्या में पनिका समाज के स्वाजातीय बंधु गण उपस्थित थे।

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