ग्राम कामता में चावल घोटाला: जांच टीम को महिलाओं ने बताया- मई का नही मिला बोनस चावल…

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जिला जांजगीर चाम्पा से प्रमोद कुमार कश्यप की रिपोर्ट 

 

जांजगीर चाम्पा–नवागढ़ ब्लाक की ग्राम पंचायत कामता में राशन घोटाले की जांच करने खाद्य विभाग के जांच टीम पहुंची। टीम को गांव की महिलाओं ने बताया कि अप्रैल व मई में केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए अतिरिक्त चावल का वितरण नहीं किया। चावल मांगने पर जितना चावल आया उतना देने की बात करते हुए भोले भाले ग्रामीणों का मुंह बंद करा दिया जाता है। जबकि वास्तव में किसी ग्रामीण को मई माह में बोनस चावल नही दिया गया। जांच टीम ने महिलाओं का बयान दर्ज किया। इसके बाद वापस लौट गई।गरीबों के चावल घोटाले की भरपाई नहीं करने पर ऐसे में उनके ऊपर एफ आई आर दर्ज भी किया जा सकता है। आवश्यक वस्तु अधिनियम विभिन्न धाराओं के तहत एफ आई आर दर्ज किया जा सकता है। जिला खाद्य अधिकार त्रिपाठी निराला के निर्देश पर टीम ग्राम पंचायत कामता पहुंची। राशन दुकान में राशन वितरण करने वाले स्व सहायता समूह की सदस्यों को बुलाया। समूह की अध्यक्ष और सचिव से भी पूछताछ की गई। दूसरी ओर गांव की महिलाओं ने जांच टीम को बताया कि अप्रैल व मई के अतिरिक्त चावल नहीं दिया गया है। चावल मांगने पर अतिरिक्त चावल नहीं आने की बात बोलकर भगा दिया जाती थीं। गांव में 312 राशन कार्ड हैं। इसमें करीब लाखो रुपया का चावल का गबन की जांच की गई। ग्रामीणों ने स्व सहायता समूह से राशन दुकान को निरस्त करने की मांग की है।अधिकारियों ने बयान दर्ज किया,SDM कार्यलय में रिपोर्ट सौंपने की बात कही। वहीं जांच में पहुंचने के बाद शिकायत करने पहुंचे महिलाओं पर कुछ पल दबाव बनाने की कोशिश किया गया। ग्राम पंचायत कामता में गरीबो को मिलने वाले उनके हक के राशन पर दुकान संचालक द्वारा घोटाला कर दिया गया। अधिकृत सेल्समैन के रूप में छतराम कश्यप हैं, जबकि सहभागी के रूप में रविन्द्र कुमार हैं,ग्राम पंचायत कामता में कम चावल देने की बात सामने आया था ग्रामीण की हित में हमने प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया । फिर जाच टीम कामता पहुचा जहा जाच में अनियमित मिला,ग्रामीण के चावल में घोटाला पाया गया। ग्राम पंचायत कामता के राशन कार्ड धारियों को जितना चावल मिलना चाहिए उनके हिसाब से चावल नही दिया गया। ग्राम पंचायत कामता में शासकीय उचित मूल्य की दुकान को जागृति महिला स्व समूह द्वारा चलाया जा रहा हैं। वही गांव के प्रायः ऐसे सभी कार्ड में गड़बडी पाया गया,कोरोना काल में मिलने वाला अतिरिक्त चावल मई माह में हितग्राहियों को चावल का वितरण नही किया गया,जबकि हितग्राहियों कई जागरूक हितग्राही ने कदम उठाया उनके बावजूद भी उनको चावल नही दिए गया। धिक्कार है ऐसे सेल्समैन छत्रराम कश्यप जो विपत्ति काल के समय में गरीबो को दिये जाने वाले अतिरिक्त खाद्यान्नों पर भी डाका डालने पर बाज नहीं आ रहे है। लोगों के राशनकार्ड में मई माह मिलने वाले प्रति व्यक्ति के हिसाब 5 किलो मिलने वाले चावल पर घोटाला कर लिया गया,गांव में हितग्राहियों से 5 किलो से लेकर 50 -60 किलो तक का चावल घोटाला हुआ है। वहीं ग्रामीणों के द्वारा अपने चावल घोटाले की बात सुनकर अब वे आक्रोशित भी दिखाई दे रहे हैं,ऐसे इस तरह से जिले में गरीबो के साथ घोटाले की बात सामने आना शर्मिन्दगी का विषय हैं।

 

क्या कहते हैं?राशन कार्ड हितग्राहि

 

ग्राम पंचायत कामता के हितग्राहियों ने बताया कि जिस हिसाब से चावल मिलना चाहिए था मई माह में उस हिसाब से चावल नहीं मिला है । जबकि हितग्राहियों के नाम से ऑनलाइन उनके नाम से चावल जरूर उठ चुका है।लेकिन जिस हिसाब से चावल मिलना चाहिए था उनके अनुसार उनको चावल नही दिया गया।वहीं ग्रामीणों के द्वारा इस तरह से लापरवाही करने वाले लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की मांग कर रहे हैं साथ ही साथ दुकान को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।

 

क्या कहते हैं? नवागढ़ ब्लॉक खाद्य अधिकारी

 

ग्राम पंचायत कामता में हुए चावल घोटाले की सूचना मिलने के बाद ग्रामीण कि कथन अनुसार पंचनामा तैयार किया गया। वहीं ब्लॉक खाद्य अधिकारी ने बताया कि ग्राम पंचायत कामता में मई माह में गरीबों को मिलने वाले बोनस चावल नही मिलने की बात ग्रामीणों द्वारा बताया गया जिनके आधार पर जांच प्रतिवेदन बनाकर एस डी एम कार्यलय में सौंपने की बात कहा गया। हमने पूछा कि जिस तरह से ग्रामीणों का मई माह में जो चावल घोटाला हुआ है। क्या ग्रामीणों को वे चावल मिल पाएगा या फिर नहीं इस सवाल का जवाब देते हुए खाद्य अधिकारी ने कहा कि निश्चित रूप से ग्रामीणों को मिलने वाले उनके चावल उनको दिलाया जाएगा। और वही इस तरह से घोटाला किए गए लोगों पर भी कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की भी बात कहा गया।

 

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