ग्रामीणों के शिकायत पर जांच दल पहुंची ग्राम खजुरपदर में ग्रामीणों ने सरपंच सचिव पर 2100000 रू गबन करने का लगाया आरोप सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ गोहरापदर तुलसी राम नागेश
ग्रामीणों के शिकायत पर जांच दल पहुंची ग्राम खजुरपदर में ग्रामीणों ने सरपंच सचिव पर 2100000 रू गबन करने का लगाया आरोप
सर्वोच्च छत्तीसगढ़ न्यूज़ गोहरापदर तुलसी राम नागे
गरियाबंद जिला अंतर्गत मैनपुर विकास खण्ड के ग्राम पंचायत खजूरपदर में जॉच दल दोपहर 12.00am बजे पहुंची
वरिष्ठ करारोपन अधिकारी श्री चेतन ध्रुव, करारोपन अधिकारी श्री अमरनाथ मरकाम जी आए थे और अन्य दो सहयोगी अनुपस्थित रहे जॉच दल ने ग्राम पंचायत भवन में जांच प्रक्रिया शुरू किया शिकायत कर्ताओं के समक्ष आवेदन को पढ़कर सुनाया गया जिसमें स्वच्छ भारत मिशन की राशी 400000, रू चार लाख रुपए, पंद्रहवे वित्त की राशि 1200000रू बारह लाख रुपए,और 500000रू पांच लाख रुपए कुल 2100000रू इक्कीस लाख रुपए की हेरा फेरी की जानकारी जिला कलेक्टर गरियाबंद के जन चौपाल में ग्रामीणों ने लिखित आवेदन किया था जिसका टोकन नंबर 2190122001981 है जिस पर जांच दल खजूरपदर के सरपंच श्रीमती कुमारी नागेश, और सचिव श्री उपेन्द्र नेताम के कार्यकाल में पांच लाख रुपए आहरण कर बिना कार्य कराए गबन कर लिया गया एवम 1700000 रू सत्रह लाख रुपए पंद्रहवें वित की राशी का भी बंदरबाट किया गया है जिसका जांच दल द्वारा दस्तावेज मांगा जवाब में वर्तमान सचिव सत्यरंजन हँसराज ने बताया कि मेरे पास कोई भी रिकार्ड नही है कहा पूर्व सचिव श्री उपेन्द्र नेताम मौजूद थे, पूर्व सचिव श्री विनोद बिहारी,प्रेम सिंह मरकाम अनुपस्थित रहे जिससे कारण जानकारी नहीं मिल पाया ग्राम पंचायत में सरपंच भी नहीं थी सरपंच पति धरम सिंह नागेश जी,पूर्व सरपंच एपेसर नागेश जी एवम अन्य ग्रामीण लोगों के समक्ष दस्तावेज के अभाव में जांच दल द्वारा आवेदक नरसिंह प्रधान का बयान लिया और लिखकर गवाह के समक्ष हस्ताक्षर लिया और सचिव उपेन्द्र नेताम को लिखित बयान दो कहा तब श्री नेताम ने लिखित बयान दिया जिसे पड़कर नही सुनाया गया आवेदक नरसिंह प्रधान के बयान को पड़कर सुनाया गया मीडिया ने जॉच दल से प्रश्न किया और कहा कि सरपंच की अनुपस्थिति में आप कैसे जॉच कर रहे हो सरपंच पति को महत्व दे रहे हैं खुलेआम पंचायत राज अधिनियम का मजाक उड़ाया जा रहा है कहने पर सरपंच को बुलाया गया तब तक जांच दल द्वारा कार्यवाहि पूरी कर ली गई थी सरपंच से पूछे जाने पर बताया की मैं मुर्मीकरण कार्य, एवम आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्य कराई हूं कही फिर पंद्रहवें वित की राशी के बारे में मुझे जानकारी नहीं है कही तब ग्रामीणों में आक्रोश देखने को मिला और उन्होंने कहा की हमारे ग्राम पंचायत के विकास कार्य सरपंच सचिव लोगों के मनमानी के कारण ठप्प पड़ा है और हम लोग विकास से परे हैं शासन द्वारा संचालित विभिन्न मद से राशि ग्राम पंचायत को मुहैया कराई गई हैं परन्तु सरपंच सचिवों द्वारा विकास कार्य के नाम पर लाखों रुपए आहरण कर बिना कार्य कराए गबन किया गया है और तो और ग्राम पंचायत के पास प्राथमिक शाला भवन में जाकर बच्चों तथा शिक्षक से मिडिया ने जानकारी ली तब पता चला कि स्कूली बच्चों को पीने का पानी भी नहीं मील रहा है जिससे बच्चों को घोर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है स्कूल परिसर में नल तो है उसमे बोर वेल भी लगा है परन्तु पिछले तीन महीने से बंद पड़ा है मध्यान्ह भोजन बनाने वाले रसोइया ने भी बताया कि खाना बनाने एवम बच्चों के पीने के लिए भी पानी बाहर दूसरे जगह जाना पड़ता है
इसकी जानकारी सरपंच सचिव लोगों को दी गई है परंतु आज तक नल बंद पड़ा है और रनिंग वाटर के तहत नल जल लगाया गया है जो लोगों को दिखाने के लिए लगाया गया है जब से लगा है आज तक चालू ही नहीं हुआ और इसके पहले भी जांच हेतु शिकायत किया गया था उस समय तत्कालीन सचिव प्रेमसिंह मरकाम था जिसमें जांच दल द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हुई ,ठीक उसी तरह अभी भी जांच में सचिवों द्वारा दस्तावेज नहीं दीया और जांच दल को गोल मोल जवाब दिया जिससे ग्रामीणों ने कहा कि इस बार जांच में कार्यवाही नहीं हुई तो उग्र आंदोलन करने की चेतावनी भी दी जिससे जांच दल ने उपस्थित जन समुदाय से कहा कि जांच में कार्यवाही जरूर होगी अब देखना यह है खजूरपदर में सरपंच सचिव लोगों द्वारा किए गए लाखों रुपए की अफरा तफरी का पर्दाफास कर दोषियों पर कार्रवाई करने में कितना समय लगाती है