सोनहा बादर को मिला 13 नवम्बर छत्तीसगढ़ी लोककला मंच सोनहा बादर चिटौद जिला बालोद की स्थापना दिवस पर छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों का स्नेह आशीष…
बालोद गुरूर. सोनहा बादर के संचालक, निर्देशक गीतकार, संगीतकार जितेन्द्र साहू के हृदय के भावपूर्ण भावना से अवतरित एक नाम कलाकार कृत,,,सोनहा बादर,को कम समय मे छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों मे पूरा मान सम्मान मिल रहा है, प्रेस वार्ता मे ऋषभ पांडे व नागे के साथ जितेन्द्र ने कहा कि आज सोनहा बादर को लोग मया आशीर्वाद दे रहे है तो श्रेय जाता है माता पिता, गुरु समस्त कला साधक सोनहा बादर व छत्तीसगढ़ मातेश्वरी की,, मंच संचालक परमानन्द गुरुपंच ने बताया कि राज्य के बाहर mp निकुम बालाघाट के दर्शक मांग ऊपर मांग करते हुए सोनहा बादर के कर्मा,,,प्रेम समर्पण व आदिवासी नृत्य तीन तीन बार देखे तो व आखिरी मे जितेन्द्र साहू के गीत संगीत व संगीत संयोजन व ज्योतिस साहू के नृत्य निर्देशन से सजे,कर्मा के ताल मे झूमें, व मोहना सांवरिया डॉ पीसी लाल यादव जी के गीत जितेन्द्र साहू के संगीत व संगीत संयोजन साथ रूपेंद्र तेकाम के मनमोहक नृत्य निर्देशन से सजे गीत मे गीत संगीत मे मन भरके झूमें नाचे व सोनहा बादर को ढेरों मया आशीर्वाद प्रदान किये आज नागे जी के रिपोर्ट अनुसार सोनहा बादर के सहनिर्देशक व गायक इंद्र कुमार गंजीर के बताया की 13 नवम्बर यानी आज ही सोनहा बादर का स्थापना दिवस ( जन्मदिवस ) है, इस पर जितेन्द्र साहू ने कहा
हृदय गदगद होगे आज बिहनिया ले अब तक छत्तीसगढ़ के लोक संस्कृति, जम्मो हमर छत्तीसगढ़ के धरोहर ल हिरदे मे धारन करैया लोक मंच के साथे साथे हमर सोनहा बादर ल भी अपन मया दुलार आशीर्वाद ले संबल देवईया जम्मो परम प्रणम्य आदरणीय जन के मया पिरीत मिलत हे,मिले ये मया छत्तीसगढ़ के सुप्पर से उप्पर संस्कृति बर आय, आपके मया के कर्जा ल सोनहा बादर कभू नई भुला सके, सोनहा बादर के जम्मो कला साधक मन के पूर्ण समर्पण के किता आज आप जम्मो के स्नेह आशीष हमला मिलत हे,
मोर मयारू संगी बालेन्द्र साहू के कलम अउ बड़े भईया हमर सोनहा बादर के मंच संचालक परमानन्द गुरुपंच जी इही कथे कि छतीसगढ़ के आगास में सोनहा बादर बनके छा जाव अउ लोककला के उवत सुरुज के सन्देसिया बन जाव…संगीत ही जीवन है,,, सोनहा बादर निरंतर मेहनत करहि,, हमर से थोड़ा बहुत बने होवत हे ये माता पिता, गुरु, घर परिवार, मातेश्वरी, प्रभु, व जम्मो दर्शक भगवान के आशीर्वाद संबल ले किरपा आए,, अउ हमर प्रस्तुति मे कोनो भी परकार के गलती दिखत होही वो मोर स्वयं यानेकि जितेन्द्र के आए आप जम्मो कोनो भी होवइया गलती ल चेतावव, समझावव,जनावव, सादर निवेदन हे,,, प्रथम गुरु माँ सहित मोर जन्मभूमि के जम्मो गुरु व मंच,,मोर गुरु मंच मया के मितान गुरुर , संगीत शिक्षा के साथ साथ पहिली कक्षा से मोला रस्ता देखइया गुरूजी सहित जिंहा ले जेखर जेखर ले सीखेंव वो श्रध्येय जम्मो ल मोर सादर सादर दंडवत प्रणाम।
बालोद गुरुर से ऋषभ पाण्डेय के साथ के.नागे की रिपोर्ट