उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के  इंदागांवरेंज में सागौन की अवैध कटाई, अधिकारियों के ना रहने से तस्करों के हौसले बुलंद |

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मैनपुर | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद के अंतर्गत आने वाले वन परिक्षेत्र इंदागांव में इंदागांव से बुडगेटप्पा तक के इलाके में बड़े पैमाने पर लाखो की सागौन की अवैध कटाई की गयी है | वन परिछेत्र इंदगाव के कक्ष क्रमांक1220,1227 व 1230 में सागौन का अवैध कटाई हुआहै जंहा सागौन के मोटे-मोटे व लंबे –लंबे लगभग 60 से70  सागौन के पेड़ो की अवैध रूप से कटाई किया गया है | अवैध कटाई करने के बाद लाखो के कीमत के सागौन लकड़ी की तस्करी भी बड़े आराम से कर लिया गया है पर वन विभाग द्वारा अभी तक कोइ कार्यवाही नहीं किया है , इस प्रकार वन विभाग के अधिकारीयों के द्वार्रा अवैध लकड़ी कटाई पर किसी प्रकार की कार्यवाही ना कर चुप्पी साधा जाना अनेको संदेह को जन्म देता है | बेशकीमती सागौन पेड़ो की अवैध कटाई करने के बाद पेड़ के ठूंठ को जला कर सबुत मिटाने का प्रयास किया जाता है परन्तु जले हुए सागौन पेड़ो के ठूंठ अभी भी बड़ी संख्या में मौजूद है | सबुत मिटाने के लिए पेड़ के ठूंठ को लकड़ी तस्कर जलाते है या फिर मामले पर पर्दा डालने वन कर्मी खुद ही जलाते है यह जांच का विषय है पर सबसे बड़ी संदेह की बात तो यह है की अवैध लकड़ी कटाई पर अभी तक वन विभाग के द्वारा कोइ कार्यवाही नहीं की गयी है | जिन स्थानों पर सागौन पेड़ो की कटाई की गयी है वहा पर वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जा कर निरिक्षण करने का किसी प्रकार की मनस्थिति ही नहीं बनाए है | वन परिछेत्र अधिकारी इंदागांव के लिए शासन के द्वारा आवासीय परिसर धुरवगुड़ी में दिया गया है परन्तु वन परिक्षेत्र अधिकारी वन परिछेत्र कार्यालय इंदागांव में न रह कर मैनपुरमुख्यालय में रहते है | तथा उदंती अभ्यारण्य के एस डी ओ भी मैनपुर मुख्यालय में ना रह कर रायपुर निवास में निवास करते है | इन अधिकारीयों के नहीं रहने का लकड़ी तस्कर भरपूर फ़ायदा उठाते है और बिना किसी रोक टोक के मनचाहे सागौन पेड़ो की कटाई करते है और आराम से लकड़ी का परिवहन भी कर ले जाते है और इस पुरे घटनाक्रम का वन विभाग को कानो कान खबर नहीं होती है | उल्लेखनीय है की वन परिक्षेत्र ईंदागंव की सीमा उड़ीसा से लगा हुआ है उसी सीमा पार से लकड़ी तस्कर आकर अवैध कटाई करते है और वन संपदा का भारी नुक्सान पहुचाते है | वन विभाग के द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं किया जाता है जिसे देख कर लकड़ी तस्करो के हौसले काफी बुलंद हो चुके है यहाँ तक की लकड़ी तस्कर एक वन अधिकारी की ह्त्या भी इसी इलाके में कर चुके है | इतना कुछ घटित होने के बाद भी शासन और वन विभाग के द्वारा वनों की सुरक्षा हेतु कोइ ठोस व्यवस्था नहीं किया गया है जिसका परिणाम यह हो रहा है की तेजी से जंगल समाप्त हो रहे है |

 

ओ पी यादव – निदेशक, उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व, रायपुर –

वह क्षेत्र अति संवेदनशील है हमारे एक अधिकारी की ह्त्या भी की जा चुकी है साथ ही स्टाफ की भारी कमी है जिस कारण से पुरे जंगल क्षेत्र की सुरक्षा किये जाने में बड़ी दिक्कत हो रही है | इस सम्बन्ध में शासन को प्रस्ताव भेजा गया है जल्द ही व्यवस्था में सुधार आएगा |

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